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कर्मयोग से कायम हुए कीर्तिमान

August 08, 2021

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सार्वजनिक जीवन में कर्म योग पर अमल करते हैं। वर्तमान समय में उन्होंने ईमानदारी व मेहनत से कार्य की मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में पूर्ण क्षमता- कुशलता से अपनी जिम्मेदारियों का उन्होंने निर्वाह किया है। इक्कीस वर्ष की इस अवधि में उन्होंने एक भी अवकाश नहीं लिया। इस दौरान विपक्ष के सर्वाधिक हमले उन्हीं पर हुए। यह हमले आज भी उसी तीव्रता से जारी हैं। उनके प्रत्येक कदम पर हंगामा होता है। नरेन्द्र मोदी ने इसे अपनी नियति मान ली है। हमलों को झेलते हुए वह निरन्तर आगे बढ़ते रहे हैं। उन्होंने एक बार कहा भी था कि विपक्ष की गलियां उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। मतलब इसे भी वह अवसर बना लेते हैं। उनका पूरा जीवन राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित है। शायद यही कारण है कि वह लगातार लोकप्रियता के शिखर पर हैं। समूचा विपक्ष उनके मुकाबले में नहीं है।

नरेन्द्र मोदी को कर्म योग की जीवन शैली पसन्द है। यही कारण है कि वह अक्सर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सराहना करते हैं। योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठ के श्रीमहंत हैं। लेकिन समाज जीवन में वह भी कर्म योगी हैं। बिना किसी अवकाश के लगातार पूरी ईमानदारी से कार्य करना उनकी भी विशेषता है। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी उन्होंने विश्राम नहीं किया। अपने आवास से लगातार वर्चुअल माध्यम से सक्रिय रहे। अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे,उनको निर्देश देते रहे,पूरे प्रदेश से आपदा प्रबंधन के फीडबैक प्राप्त करते रहे। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के कुछ घण्टे बाद ही वह वह जनपदों की व्यवस्था का भौतिक जायजा लेने निकल गए। यह क्रम कई दिनों तक जारी रहा। साठ से अधिक जनपदों में उन्होने व्यवस्था का परीक्षण किया। सभी जनपदों में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने और संभावित तीसरी लहर की तैयारियों पर उनका विशेष जोर था। इसके पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान उनका कर्म योग परिलक्षित हुआ था। उस समय वह लगातार आपदा प्रबंधन में व्यस्त थे। योगी के इस प्रबंधन मॉडल की दुनिया में सराहना हो रही थी। अनेक विकसित देशों ने भी योगी मॉडल की प्रशंसा की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी योगी मॉडल की सराहना की थी।

इसी दौरान योगी आदित्यनाथ को अपने संन्या पूर्व आश्रम पिता का निधन हुआ। योगी आदित्यनाथ यह समाचार सुन कर भावुक हुए थे। फिर भी प्रदेश के हित को उन्होंने वरीयता दी। वह पुनः कोरोना आपदा प्रबंधन के कार्यों में व्यस्त हो गए। उन्होंने अपने मन की व्यथा को दबाए रखा। यही तो कर्मयोग है। इसी कार्यशैली से वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में चार दशकों की जापानी बुखार समस्या का समाधान करते हैं। चालीस वर्षों से कहर बनी इस बीमारी पर मात्र चार वर्षों में 95 प्रतिशत तक नियंत्रण स्थापित किया गया। इसी कार्यशैली से बयालीस योजनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर पहुंच गया। पहले उत्तर प्रदेश पिछड़ा और बीमारू माना जाता था। अब विकास के कीर्तिमान कायम हो रहे हैं। नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को योगी के साथ साथ कर्मयोगी बताया। अपने इस कथन के समर्थन में उन्होंने स्वयं प्रमाण भी गिनाए। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। योगी आदित्यनाथ अयोध्या से इस कार्यक्रम में सहभागी हुए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश लगभग सवा पांच करोड़ टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश में जरूरतमन्दों को खाद्यान्न वितरण,आवास शौचालय,निःशुल्क गैस कनेक्शन व विद्युत कनेक्शन,आयुष्मान भारत,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इससे उन सभी का जीवन अब अधिक सुविधापूर्ण हो गया है। उत्तर प्रदेश में हाई-वे, एक्सप्रेस वे,डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर,डिफेंस कॉरिडोर के कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। खेती से जुड़े कार्याें को भी पूरी सतर्कता से जारी रखा गया। बीज, खाद,उपज बेचने के उचित प्रबन्ध किये जाने से किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया। योगी सरकार ने विगत चार वर्षों में किसानों से उनकी उपज के खरीद के हर साल नये रिकॉर्ड बनाये। गेहूं और धान की खरीद में इस साल पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो गुनी संख्या में किसानों से खरीद की गयी।

उत्तर प्रदेश में अभी तक सत्रह लाख से अधिक ग्रामीण एवं शहरी परिवारों को पक्के घर,लाखों गरीब परिवारों को घर में ही शौचालय की सुविधा,लगभग डेढ़ करोड़ गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन एवं लाखों परिवारों को बिजली कनेक्शन दिये गये। उत्तर प्रदेश में हर घर नल पहुंचाने का कार्य भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। विगत दो सालों में सत्ताईस लाख ग्रामीण परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाया जा चुका है। कोरोना के कारण बनी परिस्थितियों में रेहड़ी,ठेला लगाने वालों की आजीविका पटरी पर लाने के लिए स्वनिधि योजना के अंतर्गत बैंकों से जोड़ा गया। बहुत कम समय में ही योजना के दस लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। अपराधियों में भय, गरीबों को सताने और अवैध कब्जा करने वालों में डर पैदा हुआ है। उत्तर प्रदेश में सार्थक बदलाव की शुरुआत हुई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनता के हिस्से का एक एक पैसा जनता के खाते में पहुंचे। उत्तर प्रदेश निवेश का केन्द्र बन रहा है। बड़ी कम्पनियां उत्तर प्रदेश में आने के लिए लालायित हो रही हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के मेगा प्रोजेक्ट बन रहे हैं। इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर निर्मित हो रहे हैं। देश के अस्सी करोड़ गरीब लोगों को पिछले एक साल से अधिक समय से निःशुल्क राशन मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत टीकाकरण के मामले में भी पचास करोड़ के करीब पहुंच गया है। शीघ्र ही इसे भी पार कर लेगा। कोरोना कालखण्ड में भारत का उद्यम नये प्रतिमान बना रहा है। जुलाई में जीएसटी का कलेक्शन एवं एक्सपोर्ट नई ऊंचाई छू रहे हैं। यह अर्थव्यवस्था की गति दर्शाता है। पहली बार किसी एक महीने में भारत को एक्सपोर्ट ढाई लाख करोड़ रुपये भी ज्यादा हो गया है। कृषि निर्यात में दशकों के बाद भारत दुनिया के टॉप दस देशों में सम्मिलित हुआ है। भारत का पहला मेड इन इण्डिया विमान वाहक पोत विक्रांत समुद्र में अपना ट्रायल प्रारम्भ कर चुका है। लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड का निर्माण पूरा किया गया। ई-रूपी डिजिटल इण्डिया को मजबूती देगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। यह देश व दुनिया का निःशुल्क खाद्य वितरण का सबसे बड़ा अभियान है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अन्न वितरण योजना से उत्तर प्रदेश के पन्द्रह करोड़ लोग योजना से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। योजना के तहत अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों के साथ ही अन्य जरूरतमन्दों को भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन उपलब्ध कराने में मदद मिली है। योजना के तहत प्रदेश में खाद्यान्न के साथ ही एक वॉटर प्रूफ बैग भी दिया जा रहा है। नयी अयोध्या बनाने की संकल्पना को मूर्त रूप देने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है। अब तक एक सौ अड़तीस करोड़ रुपये की सत्रह परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की चौवन परियोजनाओं का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की नयी परियोजनाओं का डीपीआर आदि तैयार करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने पर वैश्विक जगत को एक नयी अयोध्या देखने को मिलेगी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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