भोपाल: एक्ट्रेस करीना कपूर खान (Actress Kareena Kapoor Khan) की किताब प्रेग्नेंसी बाइबल (Pregnancy Bible) पर उठे विवाद के बाद मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court of Madhya Pradesh) ने मामले में करीना से जवाब मांगा था, जिस पर आज उन्होंने अपना जवाब हाईकोर्ट में दिया है. करीना की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि जो किताब का टाइटल लिया गया है, उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी भी धार्मिक भावनाएं आहत हो या फिर किसी को ठेस पहुंचे. बता दें कि करीना ने ‘करीना कपूर खान्स प्रेग्नेंसी बाइबल’ बुक लिखी थी. इस बुक को लेकर ईसाई धर्म के लोगों ने आपत्ति जताई थी. क्रिस्टोफर एंथोनी ने क्रोधित होकर बुक राइटर और पब्लिशर के साथ इससे जुड़े लोगों के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकार्ट में याचिका दायर की थी.
करीना कपूर की यह बुक 9 अगस्त को लॉन्च हुई थी. इस किताब को करीना ने अपना तीसरा बच्चा बताया था. जिसके बाद इस पर विवाद बढ़ा था और उनसे जवाब मांगा गया था. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान करीना कपूर खान की तरफ से एडवाकेट दिव्य कृष्ण बिलैया और निखिल भट्ट ने कोर्ट में जवाब पेश किया, उनके वकीलो ने बुक के खिलाफ याचिका करने वालों पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
करीना कपूर की बुक प्रेग्नेंसी बाइबिल के मामले में अब कोर्ट में इस मामले की अगले हफ्ते सुनवाई होगी. जस्टिस जीएस आहलूवालिया की सिंगल बैंच ने करीना कपूर खान, अदिति शाह भीम जियानी, अमेजन इंडिया, जगरनाट बुक्स और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. याचिकाकर्ता का कहना है कि करीना कपूर ने बुक में अपने प्रेग्नेंसी के अनुभवों को बताने के लिए पब्लिश किया था.
लेकिन उन्होंने बूक के नाम में ‘बाइबल’ शब्द जोड़ा है. जिससे ईसाई धर्म के अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई है. याचिका में गया कि कहा इससे उनके समाज को बहुत कष्ट हुआ है. याचिका दायर करने वाले ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 295, और 295-ए के तहत अश्लील सामग्री के प्रचार और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगाए है.
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