इंदौर। पुलिस ने आरोपियों से 1000 फर्जी ऋण पुस्तिकाएं और कई तहसील कार्यालयों की सीलें जब्त की हैं। आरोपियों करण ने बताया कि उसका चाचा प्रकाश चावड़ा यह गिरोह चलता है। प्रकाश चावड़ा के खिलाफ यंू तो एमजी रोड़ थाने में फर्जी जमानत के कई मामले दर्ज हैं, लेकिन पांच साल पहले के एक मामले में तीन दिन पहले ही उसे पांच साल की सजा हुई है और वह जेल में है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे जमानत की राशि के आधार पर आरोपियों से पैसा लेते हैं। एक लाख से अधिक की जमानत के लिए वे दस प्रतिशत की राशि लेते हैं तो इससे कम में बीस प्रतिशत कमीशन लेते हैं। इनके कई वकीलों से भी संपर्क हैं। उनके सहयोग से लोग उन तक पहुचते हैं।
कोर्र्ट में सक्रिय है आधा दर्जन गिरोह, हर गिरोह में 50 से 100 लोग
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके अलावा कोर्ट में ऐसे आधा दर्जन गिरोह सक्रिय हंै और हर गिरोह में 50 से 100 लोग हैं। इस गिरोह के पास से पुलिस ने 87 फर्जी ऋण पुस्तिकाएं जब्त की हैं। उनका कहना है कि उनके गिरोह में सौ लोग हैं। वे एक बार किसी कोर्ट में जमानत देते हैं तो दस दिन तक वहां नहीं जाते हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोगों को बुलाते हैं। इसमें ज्यादातर ग्रामीण लोग ही शामिल हैं। हर बार अलग ऋण पुस्तिका का उपयोग करते हैं।
सैैकड़ों स्थायी वारंट पेंडिंग हैं फर्जी जमानतदारों के
इंदौर और आसपास की कोर्ट से सैकड़ों फर्जी जमानतदारों के खिलाफ स्थायी वारंट पेंडिंग हैं, क्योंकि नाम और पता फर्जी हैं। इसके चलते पुलिस उनको ढूंढ नहीं पाती है।
पुलिस मांगेगी जानकारी
पुलिस का कहना है कि नकली ऋण पुस्तिकाओं पर आसपास के कई जिलों के तहसील कार्यालयों की सीलें लगी हुई हैं। इसके चलते उनसे पुलिस जानकारी मांग रही है, ताकि गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटार्ई जा सके।
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