नई दिल्ली (New Delhi)। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल (Rajya Sabha member Kapil Sibal) ने शनिवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) मुद्दे (National Eligibility cum Entrance Test (NEET) Issues) पर केंद्र पर निशाना साधा और इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया। यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें लगभग 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण परिणाम 4 जून को ही घोषित कर दिये गये।
मोदीजी की ‘नीट'(विशुद्ध) चुप्पी
बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। एक्स पर एक पोस्ट में सिब्बल ने कहा, “नीट परीक्षा। गुजरात फैक्टर। खुला भ्रष्टाचार। खुली हेराफेरी। कृपया ध्यान दें: मोदीजी की ‘नीट'(विशुद्ध) चुप्पी। केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने बृहस्पतिवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस और अन्य ऐसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच
केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए कृपांकों को छोड़ने का विकल्प होगा। विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर सरकार पर हमला कर रहे हैं। और छात्रों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। नीट-स्नातक परीक्षा मुद्दे पर सरकार पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को इस मामले पर मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में फोरेंसिक जांच ही लाखों युवा छात्रों के भविष्य की रक्षा कर सकती है।
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