लखनऊ। संसद का बजट सत्र इस बार खास होने वाला है क्योंकि विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। सोमवार, 22 जुलाई से शुरू होने वाले बजट सत्र के पहले सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। पारंपरिक तौर पर हुई इस बैठक में जहां विपक्ष ने यूपी के कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट विवाद को उठाया, तो वहीं कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद को लेकर यूपी सरकार के हिंदुत्व वाले एजेंडे को लेकर एनडीए के सहयोगी दल भी नाराज हैं। विपक्ष इस मुद्दे को संसद में प्रमुखता से उठाने वाला है।
संसद के आगामी बजट सत्र के लिए हुई बैठक में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर, सभी विपक्षी दल के मौजूद थे। इस बैठक में और सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया कि उन्हें संसद में अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दी जाए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश और के सुरेश समेत कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा में विपक्षी खेमे से एक उपाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए दबाव डाला। तो वहीं वाईएसआर कांग्रेस, जनता दल और बीजू जनता दल ने क्रमशः आंध्र प्रदेश, बिहार और ओडिशा के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने की पुरजोर वकालत की।
इस बैठक के दौरान एक और एक मुद्दा जो प्रमुखता से छाया रहा, वह भगवान शिव के भक्तों की वार्षिक तीर्थयात्रा, यानी कांवर यात्रा से जुड़ा विवाद था। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कथित तौर पर यूपी की योगी सरकार के उस आदेश को उठाया, जिसमें दुकानदारों को कांवर यात्रा मार्ग पर अपनी दुकानों के बाहर अपना नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया था।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया जिसमें कांवर यात्रा मार्ग पर खाद्य प्रतिष्ठानों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने की आवश्यकता थी। इसे लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाए गए इस कदम को कई लोगों ने मुस्लिम-स्वामित्व वाले व्यवसायों की पहचान करने और उन्हें संभावित रूप से लक्षित करने का एक परोक्ष प्रयास माना गया है। योगी सरकार के इस आदेश को लेकर राजनीति चरम पर है।
उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेम-प्लेट’ लगाने के निर्देश पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “…ये नफरत फैलानी वाले लोग हैं… इससे ये कामयाब नहीं होंगे… उन लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है जो सत्ता में अभी-अभी हारे हैं… उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें शून्य कर देगी।”
बता दें कि संसद का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में कुल 19 बैठकें होंगी। इस सत्र में सरकार के द्वारा छह विधेयक पेश करने की उम्मीद है, जिसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है और जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी मिलेगी। जो केंद्रीय शासन के अधीन है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी और मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
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