मुंबई: इस साल रिलीज हुई फिल्मों में यदि सबसे ज्यादा कोई साउथ की फिल्म चर्चित रही है तो वह है ‘कांतारा’ (Kantara). फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों दोनों का प्यार मिला. फिल्म की अलग स्टोरी लाइन ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा और फिल्म ने अच्छा बिजनेस भी किया. फिल्म के लीड एक्टर और निर्देशक ऋषभ शेट्टी (Rishab Shetty) भी दर्शकों को खूब पसंद आए. हाल ही में ऋषभ ने फिल्म और बॉलीवुड कंटेंट को लेकर बातचीत की.
क्षेत्रीय लोक साहित्य पर आधारित इस फिल्म का बजट 16 करोड़ रुपये था. कम बजट में बनी इस फिल्म की कहानी को लोगों ने काफी सराहा. बता दें यह सैकंड हाइएस्ट ग्रोसिंग कन्नड़ मूवी बन चुकी है. साथ ही यह साल 2022 की सबसे ज्यादा कमाई वाली भारतीय फिल्म भी है. इस फिल्म की सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण ग्राउंड लेवल पर दिखाया गया कल्चर रहा.
क्षेत्रीय कंटेंट की पहुंच ज्यादा होती है
ऋषभ शेट्टी ने हाल ही इस फिल्म को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत की. फिल्म की सफलता को लेकर उनका कहना था, ‘यह फिल्म कोस्टल कर्नाटका कल्चर को बहुत करीब से दिखाती है. यह इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट रहा क्योंकि इसके कारण दर्शक फिल्म से जुड़े. यह मेरे गांव की कहानी थी और यह सब मैंने बचपन से देखा है. जब हम हमारी संस्कृति से जुड़ाव महसूस करते हैं और उसे कहानी की तरह लोगों के सामाने प्रजेंट करते हैं तो वह पसंद आता है. मैं हमेशा कहता हूं जितना ज्यादा क्षेत्रीय कंटेंट होगा, उसकी पहुंच उतनी ही ज्यादा होगी.’
बॉलीवुड में वेस्टर्न कल्चर ज्यादा
जब ऋषभसे पूछा गया कि इन दिनों बॉलीवुड की फिल्में साउथ के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन क्यों नहीं कर रहीं? तो इस पर उनक कहना था, ‘बॉलीवुड फिल्मों में वेस्टर्न कल्चर का प्रभाव बहुत ज्यादा है. हॉलीवुड या अन्य कंटेंट को फिल्ममेकर्स भारत में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो शायद लोगों को नहीं जोड़ पा रहा है. ओटीटी पर वैसे ही अलग-अलग तरह का कंटेंट दिखाया जा रहा है. ऐसे में क्षेत्रीय कंटेंट के लिए कोई माध्यम ही नहीं है. क्षेत्रीय स्तर पर कई कहानियां हैं, जो प्रभावित करती हैं. इन्हें फिल्ममेकर्स ही दिखा सकते हैं.
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