रामेश्वर धाकड़
भोपाल। प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव में तीन मंत्री इमरती देवी, ऐंदल सिंह कंषाना और गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार चुके हैं। फिलहाल इनकी मंत्री पद की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। यदि नैतिकता के आधार पर इस्तीफा नहीं दिया तो ये दिसबर तक मंत्री बने रहेंगे। क्योंकि बिना विधायक के अधिकतम 6 महीने तक मंत्री बने रह सकते हैं। यह कार्यकाल 2 जनवरी 2021 तक है। चुनाव हारने वाले तीनों मंत्री निकट भविष्य में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल से पहले इस्तीफा देंगे या नहीं इसका निर्णय पार्टी की शीर्ष नेता करेंगे। जिसमें सिंधिया की अहम भूमिका होगी। शिवराज सरकार में वर्तमान में मंत्रियों की संख्या 32 (उपचुनाव हारन ेवाले तीन मंत्रियों समेत)है। चुनाव हारने वाली इमरती देवी के पास महिला एवं बाल विकास विभाग, ऐंदल सिंह कंषाना के पास पीएचई एवं गिर्राज दंडोतिया कृषि विभाग के राज्यमंत्री हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार तीनों मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर जल्द ही बैठक होगी। यदि मंत्री इस्तीफा देते हैं, तो इन्हें मंत्रिमंडल विस्तार से पहले निगम-मंडल में एडजस्ट किया जा सकता है। भाजपा की कोशिश है कि तीनों मंत्रियों को इस्तीफे के लिए मना लिया जाए। जिससे तुलसी सिलावट एवं गोविंद सिंह राजपूत के साथ भाजपा के तीन विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाए। यदि इनके इस्तीफे पर सहमति नहीं बनती तो फिर जल्द ही सिलावट और राजपूत को शपथ दिलाई जाएगी। हालांकि इसको लेकर भाजपा में भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन होना है।
सिलावट और राजपूत फिर बनेंगे मंत्री
पिछले महीने तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के इस्तीफा देने के बाद दो पद खाली है। दोनों उपचुनाव जीत चुके हैं। संभवत: इस महीने के आखिरी में राज्यपाल सिलावट एवं राजपूत को फिर से मंत्री पद की शपथ दिला सकती हंै। सिंधिया खेमे की कोशिश रहेगी कि दोनों के पास पूर्व के विभाग यथावत रहें। हालांकि खबर है कि इस बार राजपूत से राजस्व या परिवहन में से एक विभाग वापस लिया जा सकता है। जल्द ही भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक होगी।
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