कानपुर। यूपी के कानपुर (Kanpur) में कोरोना, डेंगू और जीका (Zika Virus) के बाद शहर में कोल्ड डायरिया (Cold Diarrhea) ने दस्तक दे दी है. सर्दी शुरू होते ही इससे जुड़ी बीमारियां ने बच्चों को जकड़ना शुरू कर दिया है. कोल्ड डायरिया से पीड़ित एक 2 वर्षीय बच्ची (2 year old girl) की रावतपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत (death during treatment) हो गई।
हैलट अस्पताल के ओपीडी समेत अन्य अस्पतालों की ओपीडी में कोल्ड डायरिया के मरीज आ रहे हैं। वयस्क में सर्दी जुकाम मिल रहा है और डेंगू के लक्षण वाले रोगियों में फिलहाल कमी आई है. सर्दी और जुकाम से जुडी समस्या के चलते मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है।
रावतपुर निवासी मोहम्मद सलीम ने बताया कि उन्नाव में एक शादी समारोह में गए थे। बच्ची शहनूर को वहीं ठंड लग गई. एक दिन पड़ोस में रहने वाले डॉक्टर ने इलाज किया, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ और हालत और बिगड़ती गई. दो दिन पूर्व कस्तूरबा अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया, वहां इलाज के दौरान बच्ची की सांस उखड़ने लगी. हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. वहीं सर्दी के शुरू होते ही ठंड सबसे ज्यादा बच्चों और वृद्ध लोगों को नुकसान पहुंचाता है।
ये है लक्षण
हैलट अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राव ने बताया कि सर्दी शुरू होते ही अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी जुकाम के मरीज की संख्या भी बढ़ गई है. ऐसे में परिजनों को चाहिए कि अपने नवजात और 5 साल की कम उम्र के बच्चों की विशेष देखभाल करें। कोल्ड डायरिया से सीने में जकड़न होती है तो वहीं पेट में सूजन और दस्त की शिकायत भी होती है। इस बीमारी में लापरवाही हानिकारक हो सकती है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर यशवंत राव ने बताया बीमार होने पर झोलाछाप डॉक्टरों या मेडिकल स्टोर से दवाई लेने से बचें।
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