नई दिल्ली। कंझावला केस के आरोपी आशुतोष भारद्वाज को जमानत मिल गई है। रोहिणी कोर्ट ने 50 हजार के बेल बांड पर जमानत दी। साथ ही एक शर्त रखी है। अब बिना अदालत के इजाजत से दिल्ली से बाहर नहीं जा सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा और गवाहों से कोई संपर्क नहीं करेगा।’ बता दें दिल्ली पुलिस ने आशुतोष की जमानत का विरोध जताया था। कहा था कि जांच अहम मोड़ पर है। घटना के चश्मदीदों से पूछताछ बाकी है। ऐसे में आशुतोष भारद्वाज को रिहा करना ठीक नहीं है।
ब्लड सैम्पल को पुलिस को सौंपे
वहीं कंझावला केस के आरोपियों के ब्लड सैम्पल को एफएसएल ने पुलिस को सौंप दिए। अब यह बात क्लियर हो जाएगी कि आरोपियों ने घटना वाली रात नशे में थे या नहीं। साथ ही यह जानने की कोशिश होगी कि मृतक अंजलि सिंह के खून में अल्कोहल था या नहीं।
11 पुलिसकर्मी निलंबित
कंझावला केस में दिल्ली पुलिस के 11 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जिन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है, वो घटना के समय चेक पोस्ट पर ड्यूटी पर थे। गृह मंत्रालय ने इस मामले में पुलिस को तीन पीसीआर वैन और तीन चौकियों में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को निलंबित करने का सस्पेंड दिया था।
नए साल के पहले दिन हुई थी दर्दनाक घटना
गौरतलब है कि नए साल के पहले दिन अंजलि की स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद मृतक कार में फंस गई। इसके बाद युवती को आरोपियों ने 12 किमी तक सुल्तानपुरी से कंझावला तक सड़कों पर घसीटा। इस दर्दनाक हादसे में उसकी मौत हो गई। परिवार में अंजलि इकलौती सहारा थी। इस मामले में अंजलि की मां ने दिल्ली पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
एनजीओ ने की मदद
अंजलि सिंह के परिवार की मदद के लिए NGO मीर फाउंडेशन सामने आया है। एनजीओ ने अंजलि के परिवार को आर्थिक मदद मुहैया कराई है।
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