युवाओं में कन्हैया की डिमांड, कल भी आए तो हाथ मिलाने के लिए टूट पड़े आदिवासी छात्र
इंदौर। जेएनयू (jnu) के पूर्व अध्यक्ष व अपने विवादास्पद बयानों के बाद कांग्रेस (congress) में आए कन्हैया कुमार (kanhaiya kumar) को प्रदेश कांग्रेस आदिवासी वोटों को प्रभावित करने के लिए प्रदेश में लेकर आई है। वे आदिवासी सीटों पर कांग्रेस के लिए कैम्पेनिंग करेंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की सभी आदिवासी सीटों पर जाकर वे बताएंगे कि सरकार आदिवासियों के मामले में फेल साबित हुई है।
कन्हैया कुमार वैसे तो भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के राष्ट्रीय प्रभारी बनाए गए हैं, लेकिन इस बार चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे स्टार प्रचारक के रूप में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कांग्रेस ने अपने आदिवासी वोट बैंक को बनाए रखने और भाजपा के वोट बैंक में तोडफ़ोड़ करने के लिए कन्हैया कुमार को मध्यप्रदेश में उतारने का निर्णय लिया है। कल जिस तरह कन्हैया ने भाजपा और विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा पर अपनी स्टाइल में हमले किए, उससे लग रहा है कि उन्हें यहां के मामलों के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है। कल कमलनाथ और दिग्विजयसिंह के सामने उनका क्रेज भी आदिवासी युवाओं में नजर आया, जब आदिवासी छात्र उनसे हाथ मिलाने को टूट पड़े। कन्हैया को आदिवासी पंचायत में लाया भी इसलिए गया, क्योंकि मालवा-निमाड़ क्षेत्र में आदिवासी सीटों की संख्या ज्यादा है। बड़वानी, खरगोन, धार, झाबुआ, आलीराजपुर जैसे जिले आदिवासी बहुल हैं ही। पिछली बार के चुनाव में भाजपा को आदिवासी सीटों पर बड़ा नुकसान हुआ था और अधिकांश सीटें कांग्रेस की झोली में गई थीं। कन्हैया ने कल जितनी भी बातें कहीं, उनमें आदिवासी युवाओं को रोजगार की बात महत्वपूर्ण रूप से उठाई गई।
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