उज्जैन। सिहंस्थ 2028 के लिए क्षिप्रा के शुद्धिकरण के लिए 919 करोड़ की महत्वपूर्ण कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है, वहीं शिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी के बीच परियोजना के लिए 614.53 करोड़ की मंजूरी मिल गई है।
सेवरखेड़ी-सिलारखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना
क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाएं रखने लिए सेवरखेड़ी- सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 614.53 करोड़ की विभाग को प्रशासकीय मंजूरी मिल गई है और काम जल्द शुरू किया जाएगा। परियोजना में सेवरखेड़ी में बैराज का निर्माण कर मानसून के समय बैराज से 51 मिली घन मीटर जल को लिफ्ट कर सिलारखड़ी जलाशय में डाला जाएगा, जिसके लिए सिलारखेड़ी जलाशय का विस्तार भी किया जाएगा। परियोजन से ग्रीष्म ऋतु में भी क्षिप्रा नदी प्रवाहमान बनी रहेगी। परियोजना को पूर्ण करने के लिए 30 माह लक्ष्य निर्धारित किया गया।
कान्ह एवं क्षिप्रा नदी पर बनाए जाएंगे बैराज
क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए कान्ह नदी पर 5 और क्षिप्रा नदी पर 1 बैराज का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए कुल 36.6 करोड़ की मंजूरी मिल गई है, जिसमें 6.24 करोड़ की लागत से गोठड़ा स्टॉपडेम, 5.06 करोड़ की लागत से पिपलियाराघों क्र 2 बैराज, 6.35 करोड़ की लागत से रामवासा क्र 2 बैराज , 4.56 करोड़ की लागत से जमालपुरा स्टॉपडेम, 5.74 करोड़ की लागत से पंथपीपलई स्टॉपडैम तथा क्षिप्रा नदी पर 8.71 करोड़ की लागत से किठोदाराव बैराज का निर्माण किया जाएगा। सिंहस्थ के लिए 778.91 करोड़ की लागत से 29.21 किमी घाटों का निर्माण प्रस्तावित किया गया हैं। जिसमें शनि मंदिर से लेकर भूखीमाता तक श्रद्धालुओं के सुविधाजनक स्नान के लिए घाटों का निर्माण किया जाएगा।
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