नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) इन दिनों तमाम वजहों से चर्चा में हैं। फिलहाल वे अपने फैमिली फंक्शन्स को एंजॉय कर रही हैं। कंगना के घर में हाल ही में उनके दो भाइयों की शादियां हुई हैं जिसमें क्वीन और उनकी बहन रंगोली ने सारे विवादों को भूल खूब मस्ती की। दोनों की तमाम तस्वीरें और वीडियोज भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। इसी बीच कंगना अपने एक ट्वीट की वजह से सुर्खियों में आ गई हैं। उन्होंने शनिवार (24 अक्टूबर) को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर आरक्षण को लेकर एक पोस्ट शेयर की है।
कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘देश में किसी को जाति के आधार पर नहीं बल्कि गरीबी को ध्यान में रखकर आरक्षण दिया जाना चाहिए। मैं जानती हूं कि राजपूत काफी बुरी स्थिति में हैं लेकिन जब ब्राह्मणों के हाल के बारे में पढ़ती हूं तो बेहद दुख होता है।’ कंगना का मानना है कि देश में आरक्षण लेने के वो लोग हकदार हैं जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और न ही किसी को जाति के हिसाब से रिजर्वेशन मिलना चाहिए। कंगना ने जैसे ही ये पोस्ट शेयर किया कि उनके ट्विट पर हजारों रीट्वीट की बाढ़ आ गई।
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1319982423673769985?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1319982423673769985%7Ctwgr%5Eshare_3%2Ccontainerclick_1&ref_url=https%3A%2F%2Fzeenews.india.com%2Fhindi%2Findia%2Freservations-should-be-for-the-poor-not-based-on-cast-system-brahmins-are-in-bad-conditions-says-kangana-ranaut%2F772373
मणिकर्णिका एक्ट्रेस के इस पोस्ट का जहां कई लोग समर्थन कर रहे हैं तो तमाम उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। ऐसे कई यूजर्स हैं जो उन्हें आरक्षण के बारे में गहराई से पढ़ने की नसीहत दे रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले माह भी कंगना ने अपने एक ट्वीट में जातिवाद हटाने की वकालत की थी। तब तमाम लोगों ने उनके खिलाफ शिकायतें की थी। यही नहीं कंगना के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में देशद्रोह का केस दर्ज भी किया गया था। उस दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है। कंगना के इस बयान पर देश के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह के कोर्ट केस हुए हैं।
बता दें कि कंगना रनौत ने 23 अगस्त को एक ट्वीट में लिखा था, ”आधुनिक भारतीयों ने जाति व्यवस्था को खारिज कर दिया है, छोटे शहरों में हर कोई जानता है कि कानून के तहत यह स्वीकार्य नहीं है और सिर्फ कुछ लोगों के लिए खुद को खुश रखने का शर्मनाक तरीका है। सिर्फ हमारे संविधान ने आरक्षण के रूप में इसको बरकरार रखा है। इस बारे में बात करें।”
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