मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ विवाद में एक के बाद बयानों को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत लगातार निशाने पर हैं। कभी वह सरेआम ऑन कैमरा अपशब्द (हरामखोर) कह देते हैं, तो कभी सफाई की आड़ में बदजुबानी कर जाते हैं। इस बार उन्होंने कंगना को नॉटी गर्ल कह दिया। विवादों से संजय राउत का पुराना नाता रहा है। सिर्फ सुशांत केस को ही देखें तो उन्होंने अब तक कई बार ऐसे बयान दिए जिसपर खूब हंगामा हुआ। एक नजर संजय राउत के विवादास्पद बयानों पर-
‘कंगना नॉटी गर्ल है’
कंगना रनौत को अपशब्द कहने पर संजय राउत ने सफाई दी, ‘मेरे कहने का गलत मतलब निकाला गया। कंगना नॉटी है थोड़ी, मैंने देखे हैं उसके बयान वगैरह। अक्सर ऐसे बोलती रहती है। कंगना नॉटी गर्ल है। मेरी भाषा में मैं उसे बेईमान कहना चाह रहा था और ऐसा कहने के लिए हम उस शब्द (हरामखोर) का इस्तेमाल करते हैं।’
इससे पहले कंगना के मुंबई आने की चेतावनी भरे बयान पर संजय राउत ने कहा था, ‘पढ़ी लिखी महिला हैं। उन्हें यह शोभा देता है। यह मेंटल केस है। जिस तरह से लोग बोल रहे हैं । झांसी की रानी का अपमान करते हैं। आपकी मानसिकता क्या है। धमकियां देना मेरा काम नहीं है। हवा तलवार चलाना। हवा में बंदूक चलाना हमारा काम नहीं है।’
कंगना ने जब मुंबई की तुलना पीओके से कर दी तो संजय राउत ने कहा था, ‘जिस तरह की भाषा का वह प्रयोग कर रही हैं हम लोग नहीं कर सकते हैं। वह जिस थाली में खा रही हैं, उसी में थूक रही हैं। कुछ राजनीतिक दल उनका समर्थन कर रहे हैं। अगर वह पीओके जाना चाहती हैं तो दो दिन के लिए चली जाएं। हम ही पैसा दे देंगे। एक बार देख लें पीओके क्या है। वहां कैसा है।’
इससे पहले सुशांत केस में संजय राउत ने सनसनीखेज बयान दिया था जिस पर खूब बवाल हुआ। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया, ‘सुशांत के पिता केके सिंह ने दूसरी शादी की थी और इसी वजह से सुशांत पिता से नाराज रहते थे। सुशांत के अपने पिता के साथ अच्छे संबंध नहीं थे।’
सुशांत केस की जांच सीबीआई को मिलने पर सामना के संपादकीय में लिखा, ‘सुशांत की मौत का रहस्य पाताल में दब्बी कुप्पी है जिसे सीबीआई ही निकाल पाएगी यह एक भ्रम है।’ सुशांत और कंगना से इतर भी संजय राउत काफी बयानबाजी के लिए जाते हैं। उन्होंने हाल ही में मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा था कि वह कंपाउंडर डॉक्टर से ज्यादा जानते हैं। वह तो दवा भी कंपाउंडर से ही लेते हैं। संजय राउत के इस बयान का काफी विरोध हुआ। आईएमए ने इस्तीफे तक की मांग कर दी थी।
संजय राउत ने इसी साल इंदिरा गांधी को लेकर सनसनीखेज दावा किया था। संजय राउत ने कहा था, ‘एक वक्त था जब दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, शरद शेट्टी तय करते थे कि मुंबई का पुलिस कमिश्नर कौन होगा और मंत्रालय में कौन बैठेगा। जब हाजी मस्तान मंत्रालय आते थे तो पूरा सचिवालय उन्हें देखने नीचे आता था। इंदिरा गांधी अक्सर करीम लाला से दक्षिण मुंबई में मिलती थीं।’ हालांकि बाद में जब विरोध बढ़ा तो उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया।
राम मंदिर को लेकर एक बयान में संजय राउत ने कहा था, ‘हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी थी तो कानून बनाने में कितना समय लगता है।राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। राज्यसभा में बहुत सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे। साथ ही कहा कि जो भी विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल होगा।’
एक बयान में संजय राउत ने कहा था कि मुसलमानों को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा होना चाहिए। अगर सरकार धर्म के आधार पर चलती है तो भारत अगला पाकिस्तान बन जाएगा।
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