नई दिल्ली. अभिनेत्री से नेता ( actress to leader) बनीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने सोशल मीडिया (Social media) के जरिए एक बार फिर कांग्रेस नेता (Congress leader) और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader of the Opposition Rahul Gandhi) पर निशाना साधा है. दरअसल राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग (Hindenburg) की उस रिपोर्ट को लेकर सरकार को घेरा है जिसमें अडाणी ग्रुप (adani group) और सेबी (SEBI) के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया है. इसी को लेकर कंगना ने राहुल पर हमला किया है.
कंगना रनौत ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘राहुल गांधी सबसे खतरनाक आदमी हैं, वे कटु, जहरीले और विध्वंसक हैं. उनका एजेंडा है कि अगर वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकते तो इस देश को नष्ट कर सकते हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट हमारे शेयर बाजार को लक्षित करती है जिसका राहुल गांधी ने समर्थन किया था और वह रिपोर्ट एक बेकार साबित हुई.’
ताउम्र विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहिए- कंगना
कंगना ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ‘वह इस देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. श्रीमान गांधी आप पूरी जिंदगी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहिए और जिस तरह आप अभी पीड़ा में हैं, उसी तरह आप इस देश के लोगों का राष्ट्रवाद, गर्व और गौरव को देखकर दुखी होते रहेंगे. यहां की जनता कभी आपको अपना नेता नहीं बनाएगी. आप एक कलंक हैं.’
क्या कहा था राहुल गांधी ने
राहुल गांधी ने रविवार को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से संस्था की शुचिता के साथ ‘‘गंभीर समझौता’’ हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर स्वत: संज्ञान लेगा? कांग्रेस नेता गांधी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि अब यह ‘पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से इतने डरे हुए क्यों हैं.’
गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की शुचिता, इसकी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं: सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अदाणी?’
हिंडनबर्ग का दावा
दरअसल अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार रात को एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उसने संदेह जताया गया है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है. सेबी ने इस रिपोर्ट पर रविवार को कहा कि उसने अदाणी समूह के खिलाफ सभी आरोपों की विधिवत जांच की है और अध्यक्ष ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी तथा संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा.
वहीं आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था ये निवेश ‘सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से’ किए गए थे. सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष ‘निष्क्रिय’ हो गए.
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