भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (State Congress President Kamal Nath) ने दिल्ली में अचानक सक्रियता बढ़ा दी है। हाल ही में उन्होंने पंजाब एवं राजस्थान (Punjab and Rajasthan) के मुख्यमंत्रियों से अपने निवास पर चर्चा की है। दोनों राज्यों में पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। नेताओं के बीच समन्वय की जिम्मेदारी हाईकमान (High Command) ने कमलनाथ (Kamalnath) को सौंपी है। इधर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (National President Sonia Gandhi) ने आज प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक करने जा रही है। जिसमें कमलनाथ (Kamalnath) मप्र संगठन की रिपोर्ट (Report) के साथ-साथ पंजाब एवं राजस्थान में जारी सियासी खींचतान पर भी रिपोर्ट देंगे।
कांग्रेस हाईकमान (Congress High Command) लंबे समय बाद यह बैठक करने जा रहा है। जिसमें संगठन विस्तार पर भी चर्चा होना है। खबर है कि पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधी (National President Gandhi) परिवार से बाहर का बनाए जाने की मांग अंदरूनी तौर पर उठ रही है। यदि ऐसा होता है तो इस दौड़ में पीसीसी चीफ कमलनाथ (PCC Chief Kamal Nath) शामिल हो सकते हैं। क्योंकि कमलनाथ (Kamalnath) गांधी ्रपरिवार के सबसे ज्यादा करीबी नेताओं में हैं। वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi), राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के भी करीबी रहे हैं। साथ ही संजय गांधी (Sanjay Gandhi) के खास मित्र थे। ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी कमलनाथ (Kamalnath) के नाम की संभावनाएं टटोली जा रही हैं। हालांकि राष्ट्र्रीय अध्यक्ष गांधी परिवार
(National President Gandhi Family) से बाहर का होने की संभावना बेहद कम है। यदि ऐसा होता है तो करीब 22 साल बाद ऐसा होगा। इससे पहले गंाधी परिवार के बाहर से सीताराम केसरी (Sitaram Kesari) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। केसरी के बाद सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं।
मुख्य भूमिका में कमलनाथ
कमलनाथ इन दिनों दिल्ली की सियासत में खासे सक्रिय हैं। उन्होंने पूर्व केंद्र्रीय मंत्री शरद पवार से भी लंबी चर्चा की है। यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंक पवार के नेतृत्व में गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाईयों दलों के नेताओं का दिल्ली में जमावड़ा हुआ था। जो अगले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव की जमावट से जोड़कर देखा जा रहा है। संगठन मजबूत करने का रोड मैप: बताया जाता है कि इस बैठक में सोनिया गांधी पूरे प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का रोड मैप तय करेंगी। इसलिए सभी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्षों के साथ ही राष्ट्रीय महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की यह बड़ी बैठक बुलाई गई है।
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