दिग्गी के चुनाव लडने के बावजूद पार्टी ने बनाया स्टार प्रचारक
इंदौर। भाजपा (BJP) ने जो रणनीति छिंदवाड़ा (Chhindwara) के लिए बनाई है उसमें वह कामयाब होती नजर आ रही है कांग्रेस के उत्तर प्रदेश में भेजे जाने वाले स्टार प्रचारकों में कमलनाथ का नाम गायब कर दिया गया है कमलनाथ (KamalNath) अब अपना पूरा समय छिंदवाड़ा में ही देना चाह रहे हैं इसलिए बताया जा रहा है कि उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं दिया गया है जबकि दिग्विजय सिंह स्वयं राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं उनका नाम इस सूची में शामिल है।
प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति के दो बड़े नेताओं में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का नाम गिना जाता है दिग्विजय सिंह के बल पर ही 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे द्य, लेकिन बाद में हुई उठापटक में सरकार जाती रही। हालांकि तब से दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश नहीं छोड़ा है, लेकिन भाजपा अब कमलनाथ को उनके ही गढ़ में व्यस्त रखने में सफल हो गई है। जिस तरह की तोडफ़ोड़ छिंदवाड़ा में की जा रही है उससे कमलनाथ परिवार भी बेचैन है और उन्हें इस बार अपनी सीट को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। इस चुनौती को लेकर ही उन्होंने अपना नाम उत्तर प्रदेश जाने वाले नेताओं की सूची से हटवाया है। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार कमलनाथ नहीं चाहते कि वह छिंदवाड़ा से इधर-उधर प्रचार के लिए जाए और उनकी खुद की ही सीट से उनका बेटा नकुलनाथ हाथ धो बैठे। यह भाजपा की रणनीति है और इस रणनीति में वह कारगर होती भी दिख रही है । आज भी कुछ बड़े नेताओं के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने की जानकारी है, जिसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल है। अगर ऐसा ही रहा तो कमलनाथ को अपना गढ़ बचाना एक चुनौती साबित होगा। दूसरी ओर राजगढ़ से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारा है। दिग्विजय सिंह लगातार उन क्षेत्रों में पदयात्रा कर रहे हैं, जहां कांग्रेस कमजोर है फिर भी उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल कर दिया गया है। वह उत्तर प्रदेश जाकर भी कुछ सीटों पर पार्टी के लिए काम करेंगे प्रदेश से केवल दिग्विजय सिंह का चयन ही उत्तर प्रदेश जाने वाले नेताओं के रूप में किया गया है। ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि कमलनाथ अब अपना पूरा समय छिंदवाड़ा में देना चाह रहे हैं।
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