भोपाल । मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में खाद वितरण (Distribution of fertilizers) में आ रही गड़बड़ी (Disturbances) की शिकायतों पर कमलनाथ (Kamalnath) ने शिवराज सरकार पर हमलावर (Attackers) हैं, तो वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivaraj singh Chauhan) ने प्रशासनिक अमले को सख्त हिदायत (Strict Instruction) दे डाली है।
राज्य में इन दिनों किसान खेती के काम में व्यस्त हैं और उसे खाद की जरूरत महसूस हो रही है, मगर किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है। इससे एक तरफ किसानों में असंतोष बढ़ रहा है तो वहीं कांग्रेस की ओर से सरकार को घेरने की कोशिश हो रही है।
कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है, “मध्यप्रदेश में रबी सीजन की फसलों को लेकर किसान पिछले कई माह से खाद को लेकर परेशान हो रहे हैं। खाद के भीषण संकट के कारण बर्बादी की कगार पर हैं।”
उन्होंने आगे कहा राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसान एक-एक बोरी खाद के लिये कई दिनों से लाइन में लगे हैं और सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार सिर्फ दिखावटी समीक्षा में लगी हुई है। खाद के संकट से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, सिर्फ हवा हवाई दावे किए जा रहे हैं। खाद की पर्याप्त उपलब्धता का झूठ परोसा जा रहा है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि जब-जब प्रदेश में शिवराज सरकार आती है, किसान संकट में होते हैं। आत्महत्या को मजबूर होते हैं, खेती उनके लिये घाटे का धंधा बन जाती है।
खाद को लेकर आ रही शिकायतों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है, सभी कलेक्टर युक्ति, बुद्धि और तरीके से प्रशासनिक क्षमता का उपयोग करते हुए खाद का वितरण सुनिश्चित करें। खाद की कालाबाजारी न होने दें, ब्लैक करने वालों पर कठोरतम कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद वितरण व्यवस्था को विकेंद्रीकृत कर अलग-अलग केंद्रों पर खाद का वितरण सुनिश्चित किया जाए, साथ ही किसानों में असंतोष पैदा न होने देने के भरपूर प्रयास किए जाएं।
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