कश्मीर में लगाई गई पाबंदियां हटाने की कर चुकी हैं मांग
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार (अपना रनिंग मेट) चुना है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई अश्वेत महिला देश की किसी बड़ी पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनी हैं। अगर हैरिस अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनती हैं तो इससे भारत की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि कश्मीर पर उनका रुख भारत के मान्यताओं के विपरीत है।
कमला हैरिस ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद वहां के हालात को काबू में करने के लिए पाबंदियां लगाए जाने का विरोध किया था। उन्होंने सीधे तौर पर भारत से कश्मीर में लगाए गए पाबंदियों को हटाने की मांग की थी। इसके अलावा कमला हैरिस दिसंबर 2019 में विदेश मंत्री एस जयशंकर के भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल से मुलाकात न करने को लेकर भी हमलावर रहीं थी।
प्रमिला जयपाल कश्मीर मुद्दे पर भारत की बड़ी आलोचक हैं। उन्होंने पिछले साल अनुच्छेद 370 को हटाने, सीएए जैसे मुद्दों पर भारत की कड़ी आलोचना की थी। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री ने समय की कमी का हवाला देते हुए प्रमिला के साथ बैठक को टाल दिया था। जयशंकर के इस फैसले की अमेरिका में खासी आलोचना हुई थी। जिसमें कमला हैरिस ने प्रमिला जयपाल का समर्थन किया था।
कमला हैरिस लोकतांत्रिक मूल्यों और धार्मिक एकता को लेकर काफी मुखर रही हैं। इस संबंध में विपरीत नीति अपनाने वाले देशों की वह आलोचना करती रही हैं। वे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की आवज्रन संबंधी नीतियों की भी कड़ी आलोचक मानी जाती हैं। उन्होंने ट्रंप की कई बार खुलकर आलोचना की है।
यदि हैरिस उपराष्ट्रपति बन जाती हैं, तो वह इस पद पर काबिज होने वाली अमेरिका की पहली महिला होंगी और देश की पहली भारतीय-अमेरिकी और अफ्रीकी उपराष्ट्रपति होंगी।हैरिस (55) के पिता अफ्रीकी और मां भारतीय हैं। वह अमेरिका के कैलिफोर्निया की सीनेटर हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैरिस को अकसर पथप्रदर्शक बताते हैं।
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