भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों (Madhya Pradesh assembly election results) ने सभी को चौंका दिया है. एंटी इनकंबेंसी के शोर के बीच बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है. मोदी मैजिक (modi magic) के साथ शिवराज की ‘लाडली योजना’ (Ladli Yojana) को जीत की बड़ी वजह माना जा रहा है. वहीं, कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद कमलनाथ (Kamalnath) घिर गए हैं और बाबा बागेश्वर चर्चा में आ गए हैं. दरअसल, नतीजों के बीच बाबा बागेश्वर की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि चुनावी कैंपेन के दौरान कमलनाथ उनकी शरण में पहुंचे थे. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने बाबा बागेश्वर द्वारा कथा भी करायी थी, लेकिन कांग्रेस को उसका फायदा होता नजर नहीं आया.
बाबा बागेश्वर के क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. मध्य प्रदेश की करीब 26 विधानसभा सीटों पर बाबा बागेश्वर का प्रभाव रहता है, इसमें बिंद, बुंदेलखंड, चंबल-ग्वालियर की बेल्ट शामिल है. अभी तक के नतीजों के मुताबिक, 26 में 18 सीटों पर बीजेपी बड़ी बढ़त बनाए है. चंबल-ग्वालियर बेल्ट में कांग्रेस को बड़ा झटका बहुजन समाज पार्टी ने भी दिया है. कई सीटों पर बसपा तीन नंबर पर है.वहीं, सिंधिया के इलाके में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. बीजेपी की जीत के बाद कहा जा रहा है कि पार्टी बदलने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया का जादू कायम है.
विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने बीजेपी की तरह हिंदुत्व का कार्ड चला था, लेकिन उनको इसका कोई फायदा होता नजर नहीं आया. कमलनाथ ने चुनावी सभा के दौरान अयोध्या राममंदिर का भी जिक्र करते हुए कहा था कि ताला कांग्रेस ने खोला था. हालांकि नतीजे से साफ हो रहा है कि कमलनाथ का हिंदुत्व कार्ड फेल रहा और बाबा बागेश्वर की शरण में जाना भी उनके काम नहीं आया.
छिंदवाड़ा के सिमरिया में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की रामकथा कराई गई थी. यहां कमलनाथ ने 108 फीट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति बनवाई है, इसके साथ ही एक मंदिर भी बनवाया है. इसी मंदिर के पास रामकथा का आयोजन हुआ था. यह कथा चर्चा का विषय रही थी, खास तौर से इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश में पहली बार किसी कांग्रेस नेता ने धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन कराया था. वहीं, इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि न कमलनाथ बुलाने जाते और न ही मैं आपको यहां कथा सुनाने आता. वहीं, कमलनाथ ने कहा था कि मैं बड़े गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं. आज यहां सभी धर्म के लोग मौजूद हैं.
चुनावी नतीजे के ठीक पहले राजस्थान बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे भी बाबा बागेश्वर के पास पहुंचीं थीं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर वायरल हुई थी. ये तस्वीर कब और कहां की है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन चर्चा इस बात की शुरू हो गई थी क्या वो भी बाबा बागेश्वर के पास पर्ची निकलवाने गईं थीं? वायरल तस्वीर में बाबा बागेश्वर एक कुर्सी पर बैठे दिख रहे थे और वसुंधरा नीचे बैठी थीं. बता दें कि इस चुनावी समर में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी 12 अगस्त को बाबा बागेश्वर के पास पहुंचे थे.
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