भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (MP) में इस साल विधानसभा चुनाव (assembly elections) होने वाले हैं । इस कारण राजनीतिक पार्टियां (political parties) एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से नहीं चूक रहे हैं। एक बार फिर मध्यप्रदेश में किसानों की कर्ज का मामला गूंजने लगा है। किसानों की कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं करने के बार-बार लग रहे आरोपों पर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार में किसानों का कर्जा माफ हुआ था. इस योजना का लाभ वर्तमान कृषि मंत्री कमल पटेल के परिवार को भी मिला था. इस तर्क व कृषि मंत्री कमल पटेल ने कमलनाथ को जवाब दिया है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किसान का वोट बैंक ही सत्ता की चाबी दिलाने में सबसे बड़ा सहायक बनता है!
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 10 दिनों में किसानों का कर्जा माफ नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदलने की बात कही थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बात का जवाब दे कि उन्होंने 10 दिनों में मध्य प्रदेश के सभी किसानों का कर्जा माफ किया था या नहीं ? कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों का 48,000 करोड़ का कर्ज माफ होना था, लेकिन वादाखिलाफी के चलते सत्ता हासिल करने के बाद कांग्रेस अपने वचन को भूल गई, जिसकी वजह से मध्यप्रदेश के लाखों किसान डिफाल्टर हो गए. इन किसानों का ब्याज शिवराज सरकार भरकर उन्हें डिफाल्टर के कलंक से मुक्ति दिला रही है।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने षडयंत्र पूर्वक उनकी पत्नी के खाते में ₹27000 की राशि डाली थी। इसी प्रकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिवार के एक सदस्य के खाते में भी राशि डाली गई थी, जबकि यह गलत था। कमलनाथ सरकार ने आयकर दाता को योजना का लाभ नहीं मिलने की शर्त रखी थी जबकि वे और मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्य आयकर दाता है।
इसके अलावा उनके द्वारा कर्ज माफी के लिए कोई आवेदन तक नहीं दिया गया. बावजूद इसके राजनीतिक षड्यंत्र के चलते बीजेपी के जनप्रतिनिधियों के परिवार के खातों में कुछ राशि जबरन जमा करा दी गई, जो कि उनके द्वारा वापस लौटा दी गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि वैसे भी विधायक के परिवार वालों को किसी भी परिस्थिति में इस योजना का लाभ नहीं मिलना था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved