भोपाल। शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कमलनाथ सरकार 15 महीने सत्ता में रही, लेकिन इस दौरान प्रदेश में एक इंच भी नई सड़क नहीं बन पाई। कमलनाथ को मध्यप्रदेश और यहां के लोगों से कुछ लेना-देना नहीं है। कमलनाथ के ऑफिस का जो कर्मचारी उनके लिए टिकट बुक करता है, उससे अगर पूछा जाए, तो पता चलेगा कि कमलनाथ ने 10 नवम्बर की शाम का या फिर 11 नवम्बर को सुबह की फ्लाइट से दिल्ली का टिकट बुक करा रखा होगा। यह निश्चित है कि वह 11 नवम्बर के बाद मप्र में नहीं रहेंगे। सारंग ने कहा कि कमलनाथ ने प्रदेश को कोरोना महामारी में झोंक दिया। इस संकट की समीक्षा बैठक में शामिल न होकर कमलनाथ कोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर में आईफा की तैयारी करवाते रहे। हीरोइनों के साथ गलबहियां डालकर खड़े होते हैं, जाम से जाम टकराए जाते हैं, पर कोरोना से बचाव की चिंता नहीं करते। कमलनाथ कहते हैं कि अगर वे फिर से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो कृषि सुधार विधेयक को मध्यप्रदेश में लागू नहीं होने देंगे। कमलनाथ को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जब वह केंद्रीय मंत्री थे, तब उन्होंने कांटेक्ट फार्मिंग की वकालत की थी या नहीं? इस बात के दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं कि केंद्रीय मंत्री रहते कमलनाथ ने कांटेक्ट फार्मिंग की वकालत की थी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने असेंशियल कमोडिटी एक्ट हटाने की बात कही थी, जिसका नए कृषि कानून में प्रावधान है और जिसका वो विरोध कर रहे हैं।
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