– खुद के लिए राजा 40 दिन गांव-गांव भटके और चुनाव निपटते ही पार्टी उम्मीदवारों के लिए मोर्चा संभाला
– कमलनाथ पहले बेटे के चुनाव में उलझे रहे और फिर बैतूल में एक सभा लेकर विदेश चले गए
इंदौर, अरविंद तिवारी। कांग्रेस (Congress) के केंद्रीय नेतृत्व (Central Leadership) की मंशा को भांपते हुए न चाहते हुए भी राजगढ़ (Rajgarh) से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लडऩे वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह (Digvijaysingh) अपना चुनाव खत्म होते ही मैदान में आ गए हैं। गुरुवार को अपने कट्टर समर्थक पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) के समर्थन में प्रचार के लिए वे रतलाम आ रहे हैं। इसके बाद खरगोन और मंदसौर क्षेत्र में भी प्रचार के लिए जाएंगे।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले तो अपने बेटे नकुलनाथ के चुनाव में छिंदवाड़ा में ही उलझे रहे। वहां मतदान होने के बाद अपने समर्थक रामू टेकाम के लिए बैतूल क्षेत्र में एक सभा ली और फिर विदेश चले गए। वे अब 10 मई को वापस लौटेंगे और 11 मई को शाम 5.00 बजे मध्यप्रदेश के बचे हुए आठ संसदीय क्षेत्रों में चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। कमलनाथ की इस बेरुखी को कांग्रेस नेतृत्व से उनकी नाराजगी से जोडक़र देखा जा रहा है।
दिग्विजयसिंह ने 33 साल बाद राजगढ़ में वापसी की थी और भाजपा के दिग्गज भी यह मान रहे हैं कि उनकी मौजूदगी के चलते यहां का चुनाव बहुत कड़ा हो गया। इस सीट पर दिग्विजय पहले भी दो बार जीत चुके हैं और उनके छोटे भाई लक्ष्मणसिंह भी यहां से सांसद रहे हैं। दिग्विजय ने यहां अलग ही अंदाज में चुनाव लड़ा और गांव-गांव दस्तक दे डाली। उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा की और लोगों से कहा कि यह मेरा अंतिम चुनाव है, आप मेरी मदद करें। राजा का यह इमोशनल कार्ड खूब चला और अब यहां के नतीजे को लेकर भाजपा के दिग्गज नेता भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। अपने स्वभाव के विपरीत दिग्विजय यहां विवादित बोल से भी बचे और इसका भी उन्हें फायदा मिला।
शुक्रवार को दिग्विजयसिंह रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। इसके बाद उनका खरगोन जाने का कार्यक्रम है। 11 मई को वे मंदसौर संसदीय क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। उनका देवास और धार का दौरा कार्यक्रम भी गुरुवार को तय हो जाएगा। यह संभावना जताई जा रही है कि 10 मई को विदेश प्रवास से लौटने के बाद 11 मई को कमलनाथ एक-दो संसदीय क्षेत्रों में चुनाव रैली को संबोधित कर सकते हैं।
कार्यकर्ताओं की पहली पसंद भी दिग्विजय ही
अपनी सहज उपलब्धता और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए दमदारी से मैदान संभालने की प्रवृत्ति के कारण दिग्विजयसिंह दूसरे नेताओं की तुलना में हमेशा कार्यकर्ताओं की पहली पसंद रहे हैं। राजगढ़ के उनके चुनाव में काम करने के लिए प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे और पूरे समय मैदान संभाले रहे। पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने में उन्हें महारत हासिल है।
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