भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के वनकर्मियों (Forest Workers) से वेतन वापसी (Salary Withdrawal) के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने सवाल उठाए हैं. पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसको लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार की गलतियों (Mistakes Government) का खामियाजा वनकर्मी क्यों भुगतें?
बता दें, इस संबंध में वन विभाग ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि वनकर्मियों को ज्यादा वेतन पहुंच गया है. इसलिए ज्यादा वेतन के भुगतान की वापसी वनकर्मियों से जानी है. इसको लेकर कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ प्रदेश मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट अपने संदेश में कमलनाथ ने लिखा कि मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश में वर्तमान में सेवारत वनरक्षक (फॉरेस्ट गार्ड) से लगभग 145 करोड रुपए की वसूली निकाली है.
कमलनाथ ने आगे लिखा, “यह राशि उनके वेतन से वसूल किए जाने के आदेश जारी हुए हैं. यह राशि उनके वेतन में पिछले 18 वर्षों से लगातार हो रहे भुगतान से वसूल करने के निर्देश वित्त विभाग ने जारी किए हैं.” उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6592 वन रक्षकों से लगभग 145 करोड़ की वसूली प्रस्तावित है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा,”सरकार का कहना है कि वर्ष 2006 से कार्यरत वनरक्षकों ने अपने वेतन में ग्रेड पे के आधार पर अधिक राशि ले ली है. वर्ष 2006 से कार्यरत वनरक्षकों से लगभग 5 लाख रुपये और वर्ष 2013 से कार्यरत वनरक्षकों से डेढ़ लाख रुपये की वसूली किए जाने के आदेश जारी हुए हैं.”
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल खड़े करते हुए कहा, “शासन की व्यवस्था में एजी ऑफिस ग्वालियर हर साल ऑडिट करता है तो आखिर कैसा ऑडिट एजी ग्वालियर के जरिये पूरे प्रदेश में वन विभाग में किया गया. इसके अलावा बुनियादी सवाल यह है कि सरकार ने जो वेतन वन रक्षकों को दिया वह वेतन वन रक्षकों ने स्वीकार किया. ऐसे में अगर किसी ने गलती की है तो वह सरकार ने की है, लिहाजा इसका कोई भी दंड वन रक्षकों की जगह सरकार को मिलना चाहिए.”
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