भोपाल। एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) पर शराबखोरी को बढ़ावा देने का आरोप लगाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) अब फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, यह आरोप जिस निर्णय के आधार पर लगा रहे थे, वह निर्णय स्वयं कमलनाथ की सरकार ने लिया था। शिवराज सरकार ने तो सिर्फ उसकी अवधि बढ़ाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का एक ट्वीट उन्हीं पर भारी पड़ गया। नाथ ने गुरुवार को ट्वीट कर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नशामुक्ति और शराबबंदी का दावा मात्र दिखावा है। अब शिवराज सरकार बार को रात दो बजे तक खोलने और होटल परिसर में शराब परोसने की अनुमति दे रही है। जब हकीकत में मामला उल्टा है। होटल में बार के अलावा पार्क और परिसर में शराब परोसने का नियम उनकी सरकार ने ही बनाया था। 27 जुलाई 2019 को नाथ सरकार द्वारा बनाई आबकारी नीति 2019-20 में ही यह प्रविधान किया गया था।
कमलनाथ ने लगाया था आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने ट्वीट कर शिवराज सरकार की कथनी और करनी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नशाबंदी और शराबबंदी की बात सिर्फ जुमला बनकर रह गई हैं। शिवराज सरकार ने जो नीति मंजूर की है, उससे साफ है उसकी सोच क्या है। बार संचालकों को दोगुना शराब भंडारण की अनुमति रहेगी। बार के अलावा परिसर में भी शराब मिलेगी। रेस्टोरेंट, बार, क्लब और होटल में नाममात्र का शुल्क देकर रात दो बजे तक शराब परोसी जाएगी।
वास्तव में शराब नीति 2019-20 के परिपत्र में इसका उल्लेख है कि बार लाइसेंसी से फीस लेकर डेढ़ बजे तक शराब की बिक्री करने और दो बजे तक उपभोग करने की अनुमति दी गई। कमलनाथ सरकार ने ही 2020-21 की आबकारी नीति में भी ये प्रविधान जारी रखे। बार में शराब की भंडारण क्षमता भी 25 फीसद बढ़ाई गई थी। शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने इन्हीं प्रावधानों को मई 2021 तक आगे बढ़ाया है। 20 मार्च 2020 को कमलनाथ सरकार गिर गई थी, लेकिन शराब ठेकों की वैधता मई तक है। ऐसे में शिवराज सरकार ने मई तक ही इन नियमों को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है।
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