भोपाल। ग्वालियर में सिंधिया स्कूल को मुफ्त में जमीन देेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नियमों को शिथिल किया था। सिंधिया एज्यूकेशन सोसायटी को जमीन आवंटन करने के लिए कलेक्टर ने शासन की गाइडलाइन के अनुसार प्रस्ताव भेजा था। तब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्कूल के लिए मुफ्त जमीन देने कलेक्टर को हटाकर नए कलेक्टर भेजे थे। मुफ्त जमीन का जो प्रस्ताव आया , उसे कैबिनेट में बिना चर्चा के ही पारित करा दिया था। अब सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए हैं और निकट भविष्य में उपचुनाव होना है। ऐसे में कांगे्रस अब सिंधिया के खिलाफ जमीन आवंटन को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
ग्वालियर कलेक्टर ने सिंधिया एज्युकेशन सोसायटी को जमीन देने के लिए सरकारी की गाइडलाइन के अनुसार जमीन मूल्य का 25 प्रतिशत के तहत के हिसाब से 100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा था। जमीन का बाजार मूल्य करीब 400 करोड़ है। तब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्वालियर के कलेक्टर को हटाकर 2010 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग चौधरी को ग्वालियर कलेक्टर बनाकर भेजा था। तब कलेक्टर ने 100 रुपए की लीज पर सिंधिया एज्यूकेशन सोसायटी को जमीन आवंटन देने का प्रस्ताव भेजा। इस प्र्रस्ताव पर राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने आपत्ति भी दर्ज की थी, लेकिन कमलनाथ सरकार के राजस्व मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रस्ताव को कैबिनेट में प्रस्तुत किया गया। खास बात यह है कि कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को बिना किसी चर्चा के ही पारित कर दिया था। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में सिंधिया एजुकेशन सोसायटी को सिर्फ 100 रुपए की टोकन मनी पर 145.8 एकड़ (59.015 हेक्टेयर) जमीन 99 साल की लीज पर दे दी है। जनवरी 2020 में हुई कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद राजस्व विभाग ने यह आदेश 13 फरवरी 2020 को जारी किया। अब यह मामला शिवराज सरकार द्वारा कमलनाथ सरकार के समय आखिरी छह महीने के कार्यकाल में लिए गए फैसलों के जांच में आ सकता है। शिवराज सरकार ने ऐसे फैसलों की जांच के लिए पांच मंत्रियों की सब कमेटी गठित की है। कमेटी में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। कमेटी सदस्य गोविंद सिंह राजपूत कमलनाथ सरकार में भी राजस्व मंत्री थे।
अब बना रहे चुनावी मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया एज्यूकेशन सोसायटी को मुफ्त में जमीन आवंटित करने के लिए नियमों को शिथिल किया था। इतना ही नहीं कमलनाथ सरकार के समय में ग्वालियर में अन्य जमीनों के लंबित प्रकरणों का भी निराकरण किया गया था। अब प्रदेश में उपचुनाव होना है, इसलिए कांगे्रस भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जमीन आवंटन को मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
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