भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने रविवार को पिछड़ा वर्ग (backward class) के पक्ष में बड़ा दांव खेला। उन्होंने जातिगत जनगणना (caste census) को समर्थन देते हुए पिछड़ा वर्ग को न्याय दिलाने का वादा किया है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को कहा कि जातिगत जनगणना जरूर होनी चाहिए। इससे विभिन्न वर्गों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। ओबीसी आरक्षण का लाभ अब तक क्यों नहीं मिल सका, इसे भी समझने की आवश्यकता है। न्यायालय में आरक्षण और जातिगत जनगणना का विरोध किसने किया, आज वे क्या हैं, यह भी पता होना चाहिए। कमलनाथ कुर्मी समाज के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कमलनाथ के सामने कुर्मी समाज के लोगों ने मध्य प्रदेश के 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में ओबीसी वर्ग को 50 टिकट और 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग की। इस दौरान कमलनाथ ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सत्ता में आने पर ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुर्मी समाज को भोपाल में भवन बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
रवींद्र भवन में आयोजित अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा की मध्य प्रदेश इकाई के प्रांतीय महासम्मेलन में कमलनाथ ने कहा कि हमने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया था। इसे कोर्ट-कचहरी में अटका दिया। इसका पूरी तरह लाभ अब तक नहीं मिला है। आज सबसे बड़ी चुनौती युवाओं के भविष्य की है। बेरोजगारी और महंगाई सबसे बड़ी समस्या है। इससे हर वर्ग परेशान है। मध्य प्रदेश देश के मध्य में है, पर उद्यमी हरियाणा या अन्य राज्य में उद्योग लगाता है क्योंकि उसे विश्वास नहीं है। उन्होंने दोहराया कि हमने 15 माह में प्रदेश की छवि बदलने के लिए नीति और नीयत का परिचय दिया था। कांग्रेस या कमलनाथ का साथ भले ही न दें पर सच्चाई का साथ अवश्य दीजिएगा। आपको तय करना है कि प्रदेश का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved