धार। मध्य प्रदेश के धार जिले (Dhar district of Madhya Pradesh) के क्षतिग्रस्त कारम बांध (damaged karam dam) पर सियासत तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। साथ ही प्रभावितों को तुरंत मुआवजा और दोषी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज (FIR registered against guilty officers) कर सख्त कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर (helicopter) से क्षेत्र का अवलोकन भी किया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर क्षतिग्रस्त कारम बांध के भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण पर सरकार की लीपापोती का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक प्रभावितों की सुध नहीं ली है। उन्होंने कहा कि यह क्षतिग्रस्त डैम भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है। कमलनाथ ने जांच कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो जिम्मेदार लोग हैं, उन्हीं की कमेटी बनाकर सरकार स पूरे भ्रष्टाचार पर लीपापोती का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज खरा मौसम में यहां आया हूं, यह देखने कि किस प्रकार शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि पंचायत से लेकर मंत्रालय तक व्यवस्था बनी हुई है कि हर ठेके में 30 से 40 प्रतिशत कमीशन का खेल चल रहा है। आज प्रदेश भ्रष्टाचार की पटरी पर चल रहा है। मैंने प्रदेश में निवेश को लेकर प्रयास किए। तब सभी ने कहा कि मध्य प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार है। हम आना नहीं चाहते हें। जब प्रदेश में निवेश आएगा तभी प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का भविष्य बहुत बड़े खतरे में हैं। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ नाटक-नौटंकी और इवेंट से जनता का ध्यान मोड़ने में लगी हुई है। यह लोग बर्बाद हो गए इस पर बात नहीं करेंगे। यह बचाने की बात बात करेंगे। आज शिवराज जब तक झूठ नहीं बाले लें इवेंट, नाटक, नौटंकी ना कर लें तब तक इनका पेट नहीं भरता।
कमलनाथ धरमपुरी तहसील के दूधी गांव पहुंच, जहां उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की। कमलनाथ ने कहा कि ग्रामीणों ने उनको बताया कि क्षतिग्रस्त बांध में उनके घर बह गए, खेत की मिट़्टी भी बांध के पानी के साथ बह गई, खेतों में पानी में बहकर पत्थर आ गए हैं, जिससे आगे से अब खेती करना मुश्किल होगा। ग्रामीणों ने कहा कि वह जंगलव पहाड़ों में रहने को मजबूर है।
ग्रामीणों ने कमलनाथ से कहा कि हम अभी भी पहाड़ों व जंगलों में रह रहे हैं। सरकार ने अभी तक कोई सर्वे कार्य शुरू नहीं किया है। ना हमें कोई मुआवज़ा मिला है। ना हमारी कोई सुध लेने अभी तक आया है। प्रभावित ग्रामीणजनों व जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि इस बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की उन्होंने शुरू से कई शिकायतें की लेकिन सारी शिकायतों को अनदेखा किया गया , जिसके कारण यह स्थिति बनी।
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