भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों (teachers in government schools) की कमी पूरी करने वाले अतिथि शिक्षकों पर राजधानी भोपाल (Bhopal) में प्रदर्शन के दौरान लाठी चार्ज का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। दरअसल अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) पर भोपाल में रात के समय बिजली बंद करके लाठीचार्ज करने का आरोप लगे थे।
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाईकोर्ट की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसे बर्बर लाठीचार्ज बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि भोपाल में प्रदर्शन करने आए अतिथि शिक्षकों के साथ की गई बर्बरता की जो खबरें सामने आ रही हैं, वह बहुत चौंकाने वाली हैं और यह दिखाती हैं कि प्रदेश में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति पूरी तरह चौपट है। कमलनाथ ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह पर भाजपा द्वारा कराए गए fir पर भी नाराजगी व्यक्त की है।
कमलनाथ ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले अतिथि शिक्षकों पर रात के अंधेरे में बिजली गुल करके किया गया लाठीचार्ज लोकतंत्र के माथे पर धब्बा है। अतिथि शिक्षकों के शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी डॉक्टर मोहन यादव सरकार के अत्याचार की इबारत है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मध्यप्रदेश में अपनी जायज मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना गुनाह हो गया है?
नाथ ने लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि अतिथि शिक्षकों के साथ हुए अत्याचार की हाई कोर्ट की निगरानी वाली कमेटी से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जो भी इसके लिए दोषी पाए जाते हैं, उन्हें कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जाए। प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र सिंह के लाडली बहनों को लेकर किए गए पोस्ट और उस पर FIR होने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सत्ता में बैठे व्यक्ति की यह भी ज़िम्मेदारी होती है कि वह अपनी आलोचना सुन सके और आलोचना सुनने के बाद अपनी नीतियों में सुधार करे।
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