भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपना दांव खेलते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू (old pension scheme implemented) करने का ऐलान कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने घोषणा की है कि एमपी में कांग्रेस की सरकार (Congress government) बनते ही पुरानी पेंशन योजना को दोबारा से लागू किया जाएगा। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज सरकार (Shivraj government) द्वारा बंद की गई सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा।
वही बीजेपी नेता हितेश वाजपेई (BJP leader Hitesh Bajpai) ने ट्वीट कर लिखा है कि OPS_राष्ट्रीय_मुद्दा के विषय को हताश कांग्रेस चुनावी रूप से भुनाना चाहती है इसलिए राजस्थान या छत्तीसगढ मे इसको लेकर न बैच तय है,किस वर्ष से लागू करेंगे और न ही 2005 तक के कर्मचारियों का क्या करेंगे जो एक्ट मे कवर नहीं होते।।कांग्रेस केवल चुनावी वादे, जबकि भाजपा यानि समाधान।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत (NMOPS-MP) के राज्य मीडिया प्रभारी एच एन नरवरिया ने भी कमलनाथ के इस फैसला का स्वागत किया है और राज्य की शिवराज सरकार से अपील की है कि इसे प्रदेश में जल्द से जल्द लागू करें ताकी 6.50 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके। हाल ही में नरवरिया का एक बयान भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब 2018 में हम सभी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बन्धुजी के नेतृत्व मे NMOPS संगठन द्वारा पुरानी पेंशन आन्दोलन की वृहद शुरुआत की थी तब लोग कहते थे कि ये लोग पागल हो गए हैं, ये OPS क्या है।
नरवरिया ने कहा था कि अभी 4 राज्यों मे पेंशन बहाल हुई, हिमाचल 5वां राज्य बनेगा। 2-3 राज्यों जैसे बिहार तमिलनाडु आंध्रप्रदेश पुरानी बहाली की लाइन में है और 2024 के पहले देशभर में अवश्य बहाल होगी।इसको लेकर जो आंदोलन हो रहे हैं, उसमें सभी मिलकर हिस्सा लें ताकि MP में होने वाले आगामी चुनाव में भी ये एक अहम मुद्दे के रूप में उभरे।बताते चले कि कांग्रेस ने राजस्थान- छत्तीसगढ़ की तर्ज पर हिमाचल में भी पुरानी पेंशन का दांव चला था, जो सत्ता वापसी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ और अब कांग्रेस इसे एमपी में भी आजमाने की तैयारी में है।
बता दे बीते दिनों अखिल भारतीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर दिल्ली में धरना दिया गया था, इसमें एमपी के कई कर्मचारी संगठनों ने भी भाग लिया था । अब प्रमुख मांगों को लेकर आगामी जनवरी 2023 में अन्य कर्मचारी संघ को साथ लेकर अन्य संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। इससे पहले एमपी में नवंबर में पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था।
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