भोपाल। उपचुनाव के दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं। राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। प्रदेश की सत्ता से हाथ धो लेने वाले कमलनाथ इस बार लीग से हटकर रणनीति करते नजर आ रहे हैं। यानी कॉन्फ्रेंस हॉल और राउंड टेबल की पॉलिटिक्स करने वाले कमलनाथ अब जमीनी प्रचार करते देखे जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जहां 12 सितंबर को आगर जिले में पार्टी प्रचार के लिए गए थे, इसी कड़ी में 13 सितंबर को उनका दौरा इंदौर की सांवेर विधानसभा क्षेत्र में था। यहां वो लोगों से उपचुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की मांग करते नजर आए।
कमलनाथ अपने हेलीकॉप्टर से सांवेर विधानसभा क्षेत्र में दौरे पर पहुंचे। उनका हेलीपैड एक खेत में बनाया गया था। हेलीपैड और कार के बीच एक खेत पड़ा था, बाढ़ में जिसकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। कमलनाथ ने रुककर बर्बाद हुई फसल का मुआयना किया। साथ ही, किसान को सरकार की ओर हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। हालांकि, कमलनाथ किसान के खेत में नहीं गए, बल्कि खराब हुई फसल तोड़कर रास्ते में ही उन्हें दिखाई गई थी।
लीक से हटकर राजनीति
अपने 40 साल के राजनीतिक सफर के दौरान कमलनाथ की पहचान गांव-गांव वाले या पांव-पांव वाले नेता के रूप में कभी भी नहीं रही। राजनीति में कदम रखते ही कमलनाथ को इंदिरा गांधी का आशीर्वाद मिल गया था, इसलिए कमलनाथ ने अपने अब तक के राजनीति सफर में फाइव स्टार पॉलिटिक्स ही की और इसी से उनकी पहचान है। दिल्ली में जब कांग्रेस पार्टी के पास कुछ खास नहीं बचा तो 2018 में मध्य प्रदेश की राजनीति करने आ गए। अब अपनी आदत के विरुद्ध खेतों में उतरकर सत्ता का रास्ता देख रहे हैं।
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