भोपाल। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ फिर से वचन-पत्र लेकर आए हैं। इस बार भी वचन-पत्र में ऐसे वादे किए हैं कि मानो स्वर्ग को ही धरती पर उतारकर ले आएंगे। इन्होंने 2018 के चुनाव में भी प्रदेश की जनता, किसानों, गरीबों और माताओं-बहनों को कई वचन दिए थे, लेकिन इनके एक भी वचन पूरे नहीं हुए। यह वचन पत्र नहीं, कांग्रेस का कपट-पत्र है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। चौहान ने कहा कि आज नवरात्रि का पहला दिन है। मातारानी की उपासना का दिन है। हम माता की पूजा करते हैं, बहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी होती है, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश की माताओं-बहनों के साथ छलकपट किया। उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं को ही बंद कर दिया। संबल योजना के जरिए गरीब माताओं-बहनों को भाजपा सरकार ने मदद देने का काम शुरू किया था, तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही संबल योजना को बंद कर दिया। भाजपा सरकार ने बेटियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए व्यवस्था की थी तो कमलनाथ को यह भी रास नहीं आई और उन्होंने इस योजना को भी बंद कर दिया
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