भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान के नतीजों के बाद से ही मप्र कांग्रेस के नेताओं की लोकप्रियता की चर्चा होने लगी है। कांग्रेस में ज्यादातर टिकट नेताओं की सिफारिश पर दिए गए हैं। जिनमें से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह अपने क्षेत्र और समर्थकों को जिताने में सफल रहे हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव और सुरेश पचौरी अपने समर्थकों को जिताने में फिसड्डी रहे हैं। कांग्रेस के ज्यादातर नेता अपने गृहनगर और यहां तक खुद के वार्ड भी नहीं जिता पाए हैं।
नगरीय निकाय के पहले चरण में 11 नगर निगम समेत 36 नगर पालिकाओं के नतीजे भी आए थे। जिसमें से 3 महापौर सीट कांग्रेस ने जीती हैं। इनमें से जबलपुर और छिंदवाड़ा की जीत का श्रेय पीसीसी चीफ कमलनाथ और ग्वालियर की जीत का श्रेय कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को दिया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने निकाय चुनाव में एक मात्र सीट भोपाल से टिकट दिलवाया था। भोपाल में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। भोपाल की जनता दिग्विजय सिंह को 2019 के लोकसभा चुनाव में लाखों वोट से हराकर पहले ही नकार चुकी है। इसके बावजूद भी कांग्रेेस दिग्विजय सिंह को लेकर लगातार ट्रायल कर रही है।
दिग्विजय सिंह की तरह पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव भी चुनाव में बुरी तरह से फेल हुए हैं। कांग्रेस ने खंडवा महापौर पद के लिए यादव की सिफारिश पर टिकट तय किया था। इसके बावजूद भी यादव चुनाव नहीं जिता पाए हैं। यह बात अलग है कि यादव खंडवा लोकसभा सीट से खुद के लिए टिकट की दावेदारी करते रहे हैं। बुरहानपुर में भी कांग्रेस केा हार का सामना करना पड़ा है। यादव ने दोनों नगर निगमों में चुनाव कमान संभाल रखी थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी इस बार बुरी तरह फेल हुए हैं। भोपाल नगर निगम में पार्षदों के अलावा, होशंगाबाद, रायसेन जिले की नगर पालिका और परिषदों में भी सुरेश पचौरी की सिफारिश पर टिकट तय किए गए हैं। भोपाल नगर निगम में पचौरी समर्थक ज्यादातर पार्षद चुनाव हार गए हैं। इसी तरह महापौर चुनाव के प्रचार में पचौरी समर्थक नेता प्रचार के लिए बाहर ही नहीं निकले।
कमलनाथ-गोंविद के गढ़ में कांंग्रेस मजबूत
भाजपा अभी तक कांगे्रस नेताओं के गढ़ भेदने में लगी थी। निकाय चुनाव में कमलनाथ छिंदवाड़ा और गोविंद सिंह भिंड के लहार में ज्यादा मजबूत हुए हैं। खास बात यह है कि इस बार गोविंद सिंह अपने गढ़ लहार से निकल ग्वालियर भी पहुंच गए हैं। ग्वालियर महापौर की जीत में डॉ गोविंद सिंह की भूमिका बताई जा रही है। 20 जुलाई को मुरैना नगर निगम के परिणाम भी आने वाले हैं। जहां भी कांग्रेस जीत का दावा कर रही है। यदि कांगे्रस मुरैना महापौर का चुनाव जीतती हैं तो इसका श्रेय भी डॉ गोविंद सिंह को मिलना तय है।
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