भोपाल! प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर किसानों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार में स्केल ऑफ फायनेंस 100 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया, जिससे राज्य शासन को बचत हुई, जबकि किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ। उन्होंने कर्जमाफी के मुद्दे पर भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने किसानों से दो लाख तक कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन झाबुआ जिले के अलावा अन्य क्षेत्रों के किसानों का दो लाख तक कर्ज माफ नहीं हुआ। झाबुआ में चुनाव थे, इसिलए वहां कुछ लोगों के दो लाख तक कर्ज माफ किये गये।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने किसानों के साथ कर्जमाफी और फसल बीमा के नाम पर धोखा किया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने वादे के अनुरूप किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। इसके अलावा 2018 और 2019 की फसल बीमा की राशि किसानों को नहीं दिलवाई और अब कांग्रेस नेता किसानों की बात करते हैं। भाजपा का शिवराज सरकार ने 2018 और 2019 की फसल बीमा की राशि किसानों को दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार में स्केल ऑफ फायनेंस 100 प्रतिशत से घटाकर 75 कर दिया था। इससे राज्य सरकार को कम प्रीमियम चुकाना पड़ा। इससे किसानों की बीमा की राशि कम मिली और उन्हें 1563 करोड़ का नुकसान हुआ। कमलनाथ सरकार ने राज्य का अंश बचाने के चक्कर में किसानों के धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले दिनों भारी बारिश और बाढ़ से गांवों में भारी नुकसान हुआ। गरीबों के घर ढह गए, किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। किसान राष्ट्र का पेट भरता है। कोरोना काल में जब सभी उद्योग-धंधे चौपट हो गए तब किसानों ने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाला। अब जब किसानों पर संकट आया है तो भाजपा की सरकार किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वे स्वयं लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। सरकार को चाहे कर्ज लेना पड़ेगा, लेकिन किसानों की मदद से सरकार पीछे नहीं हटेगी। सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां मरी हुई फसलों का बीमा हो रहा है। उन्होंने स्वयं केन्द्र सरकार और बीमा कंपनी के अधिकारियों से बात कर फसल बीमा की तारीख बढ़ाई, ताकि सभी किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकें। सोमवार, 07 सितम्बर को फसल बीमा की आखिरी तारीख है। उन्होंने सभी किसानों से फसलों का बीमा कराने की अपील की है। उन्होंने इसके साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का आभार भी जताया।