img-fluid

खुद के बोझ से गिरे कमलनाथ : शिवराज

November 02, 2020


प्रदेश संभालने चले थे… अपनों को नहीं संभाल पाए…
17 सालों से मध्यप्रदेश का परिचित चेहरा… 15 सालों की सरकार… डेढ़ वर्ष का विपक्ष… दिग्विजयसिंह के अंधेरे से निकला शिवराज का उजला प्रदेश न थका न रुका… सड़कें साफ हो गईं… विकास का पहिया दौडऩे लगा… उद्योग-धंधों, कारोबार ने प्रगति कर ली… विकास ने विश्वास जताया… देशभर के निवेशकों ने प्रदेश की राह पकड़ ली… इन्फोसिस और टीसीएस जैसी आईटी कंपनी ने पैर फैलाए… ब्रांडेड हॉस्पिटलों ने कदम बढ़ाए… ऑटोमोबाइल सेक्टर से लेकर रिलायंस की हथियार फैक्ट्री तक ने प्रदेश की साख बढ़ाई… कानून व्यवस्था में सख्ती आई… गरीब, किसान, मजदूर सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन जनता भाजपाइयों के अहंकार से झल्लाने लगी थी…वही चेहरे…वही मोहरे…वही तेवर…वही अकड़… वही अफसर… वही सरकार के फायदे के कायदे नई पीढ़ी को अखरने लगे थे…लिहाजा बदलाव का दंभ भरती जनता ने कांग्रेस को बेहतरी के लिए अवसर तो दिया… लेकिन जनता के दिमागी फरमान ने न कमलनाथ पर विश्वास जताया न शिवराज को पूरी तरह हटाया… लिहाजा भाजपा ने जोर लगाया… कमजोर नस को दबाया और सिंधिया को अपमान का एहसास कराया और कांग्रेस का बागी बनाया… और सत्ता को अपने नाम कराया…बचे तीन सालों के लिए सरकार को स्थायित्व देने की मांग में जुटे मुख्यमंत्री शिवराज तक आरोपों और अपने पिछले रिपोर्ट कार्ड के साथ एक बार फिर जनता के बीच में हैं… जहां वो संभलकर माकूल जवाब देने का प्रयास करते हुए कहते हैं कि प्रदेश संभालने का दावा करने वाले कमलनाथ अपनों को नहीं संभाल पाए और खुद के बोझ से ही धराशायी हो गए। अग्निबाण से की गई बेबाक बातचीत…..

कांंग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने प्रदेश में एक निर्वाचित सरकार को गिरानेे का षड्यंत्र रचा।
जवाब-सच बात तो यह है कि कांग्रेस की सरकार गिराई नहीं, बल्कि वह स्वयं के बोझ और आंतरिक गुटबाजी के चलते गिर गई थी। अब अपनी कमी को छुपाने के लिए वे भाजपा के सिर पर यह दाग लगाने की निरर्थक चेष्टा कर रहे हैं कि सरकार भाजपा ने गिराई है। निर्वाचित विधायकों से कमलनाथ क्यों नहीं मिलते थे। तबादला उद्योग में सबसे अधिक रुचि उनकी थी। मंत्रालय को दलालों का अड्डा बना डाला। छिंदवाड़ा के सिवाय पूरे प्रदेश की उपेक्षा की गई। प्रदेश का किसान, आम आदमी और हमारे भानजे-भानजियां कांग्रेस की इस चाल को बखूबी पहचान गए हैं।

आप किसानों की कर्जमाफी को यदि मुद्दा मानते हैं तो बदले में कांग्रेस भी बिजली बिल को मुद्दा बना सकती है?
जवाब- किसान कर्जमाफी का मामला किसी से छुपा नहीं है। कांग्रेस ने बीते चुनाव में किसानों को यह भरोसा दिलाया था कि प्रत्येक किसान का 2 लाख रुपए तक का कर्जा 30 दिन के अंदर माफ कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं किया। रही बात बिजली बिल की तो मैंने सत्ता संभालते ही तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन के समय में ही लाखों बिजली उपभोक्ताओं को करोड़ों की राहत देने का काम किया है। कांग्रेस ने तो गरीब बेटियों के विवाह की राशि और मरने के बाद कफन तक के पैसों को रोक दिया था। इन सवालों का जवाब हर हाल में उसे देना पड़ेगा।

आपसे कांग्रेस आपके पिछले कार्यकाल का हिसाब मांग रही है?
जवाब- देखिए प्रदेश की जनता ने भाजपा के 15 साल के शासन को भी देखा है, 15 महीने के कांग्रेस शासन को भी देखा है और छह महीने की मेरी सरकार को भी देख रहे हैं। यह उन पर है कि वे किस आधार पर वोट दें। जहां तक मेरे कार्यकाल का सवाल है तो मैंने अपने पिछले कार्यकाल में जनकल्याण की अनेक योजनाएं चलाईं और लोगों की खासकर वंचित व अंतिम छोर के व्यक्ति की खुशहाली के लिए काम किया।

होने वाले उपचुनाव पर आपकी तैयारी क्या है? आप इसको किस रूप में देखते हैं।
जबाव-हमारे लिए चुनाव और सामान्य परिस्थितियों में कोई अंतर नहीं है। हम पूरे समय जनता के साथ और प्रदेश के भविष्य के लिए काम करते हैं। भाजपा उस विद्यार्थी की तरह है जो पूरे वर्षभर पढ़ाई करता है न कि सिर्फ परीक्षा के समय। इसलिए हमें इस बार के चुनाव में और अन्य बार के चुनाव में कोई अंतर नजर नहीं आता। हम सिर्फ और सिर्फ जीतने के लिए ही चुनाव लड़ते हैं। इस बार के चुनाव में हम सभी सीटें जीत रहे हैं। पिछले चुनाव में जनता के मन में कुछ भ्रम पैदा हो जाने के कारण जो कमी रह गई थी उसके बारे में जनता ने परिणामों के तुरंत बाद पश्चाताप किया था। अब वह इस चुनाव में उत्साह के साथ भाजपा को जिताने के लिए कमर कस चुकी है।

आप लगभग सभी सीटों पर एक बार दौरा कर चुके हैं। प्रदेश का मतदाता क्या चाहता है?
जबाव- मतदाता पिछले विधानसभा के चुनाव में भाजपा को नहीं जिता पाने तथा शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री नहीं बना पाने से चुनाव के बाद से ही दु:खी था। इसलिए वह इस चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए कोई कोर-कसर नहीं रखना चाहती है। जनता भाजपा के साथ और शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहती है। 10 नवम्बर को नतीजे आपके सामने होंगे। हम जनता की सेवा को अपना ध्येय मानते हैं और परिणामों से पहले ही हमने कई विकास कार्यों की दिशा तय कर ली है।

Share:

बदनावर में प्रचार खत्म होते ही खूनी संघर्ष

Mon Nov 2 , 2020
6 भाजपाई घायल, 2 गंभीर, 4 कांग्रेसियों पर प्रकरण दर्ज इन्दौर। कल शाम बदनावर में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष हो गया, जिसमें आधा दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हुए हैं। इनमें भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि कल […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved