भोपाल। मप्र में विधानसभा की 28 सीटों पर उपचुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। सर्वे में नाम आने के बाद भी दिग्विजय सिंह के समर्थकों को टिकट नहीं दिया गया है। पूरा उपचुनाव कमलनाथ पर फोकस कर दिया गया है। दिग्विजय सिंह को पिछले विधानसभा की तरह पार्टी से रूठे हुए लोगों को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है। इस चुनाव में प्रदेश भर में पहले दिग्विजय सिंह के समर्थक संशय की स्थिति में नजर आ रहे हैं।
प्रदेश का उपचुनाव भाजपा सिंधिया संघ बनाम कमलनाथ हो गया है। कमलनाथ के कद के आगे प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता न केवल बौने हो गए हैं बल्कि कई नेता तो घर बैठ गए हैं। कमलनाथ लगातार कहते रहे कि उपचुनाव में टिकट सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जिनका सर्वे में नाम आएगा। लेकिन मुरैना, मेहगांव और बदनावर में ऐसा नहीं हुआ। यहां सर्वे में दिग्विजय सिंह समर्थकों के नाम आए थे, लेकिन उनके स्थान पर अन्य लोगों को टिकट दे दिया गया। मुरैना में डॉ. राकेश माहेश्वरी, मेहगांव में ब्रजकिशोर शर्मा और बदनावर में टिंकू बना का नाम सर्वे में सबसे लोकप्रिय चेहरे के रूप में सामने आए थे। कांग्रेस में दिग्विजय सिंह के घोर विरोधी पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने अपना वीटो पावर लगाकर बदनावर से टिंकू बना की घोषित टिकट को सिर्फ इसलिए बदलवा दिया क्योंकि टिंकू बना दिग्विजय सिंह समर्थक माने जाते हैं। अब यहां कमल पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह मेहगांव से ब्रजकिशोर शर्मा और राहुल भदौरिया के नाम सर्वे में आए थे। ब्रजकिशोर शर्मा दिग्विजय सिंह समर्थक हैं और राहुल सिंह पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के भांजे हैं। इन दोनों की पहचान दिग्विजय सिंह समर्थक होने से इनके स्थान पर हेमंत कटारे को टिकट दिया गया। जबकि हेमंत कटारे का मेहगांव में कोई जनाधार नहीं है। मुरैना में सर्वे में शहर के लोकप्रिय डॉ. राकेश माहेश्वरी का नाम सबसे ऊपर था। माहेश्वरी को चुनाव की तैयारी करने के संकेत भी दे दिए गए। उनका दोष यह है कि उनके नाम की सिफारिश दिग्विजय सिंह समर्थक डॉ. गोविंद सिंह ने की थी। बताया जाता है कि इस आधार पर डॉ. माहेश्वरी का टिकट काटकर राकेश मावई को उम्मीदवार बना दिया गया।
दिग्विजय सिंह की भूमिका
उपचुनाव के मैदान से अभी तक दिग्विजय सिंह पूरी तरह नदारत हैं। बताया जाता है कि कमलनाथ ने उन्हें पिछले चुनाव की तरह सिर्फ रूठों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। दिग्विजय सिंह खेमे का कहना है कि कमलनाथ जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे वे ईमानदारी से उसे पूरा करेंगे। दिग्विजय सिंह समर्थक कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह, केपी सिंह भी इस चुनाव में फिलहाल सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं।
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