भोपाल। प्रदेश में भाजपा की सरकार की बनने के बाद किसानों को फसल बीमा की राशि दूसरी बार मिलने जा रही है। जबकि कांगे्रस शासन काल में किसानों को एक बार भी फसल बीमा का पैसा नहीं मिला था। हालांकि फसल बीमा की राशि किसानों को बीमा कंपनियों के द्वारा दी जाती है। फसल बीमा का प्रीमियम में राज्य सरकार आधा अंश जमा करती है। 6 सितंबर को राज्य के 20 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 4600 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि जमा होगी।
यह राशि वर्ष-2019 में खरीफ फसलों के लिए कराए गए बीमा के दावे की है। इससे पहले मई-2020 में 16 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 3100 करोड़ रुपये बीमा राशि के जमा कराए गए थे। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष-2015 में अतिवृष्टि से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा था। तब 4660 करोड़ रुपये का फसल बीमा किसानों को मिला था। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद एक सीजन में सर्वाधिक बीमा राशि देने वाला राज्य मध्य प्रदेश ही है। वर्ष-2017 में 17 लाख 17 हजार किसानों को 5300 करोड़ रुपये की बीमा राशि दी गई थी। वर्ष-2019 में अतिवृष्टि से प्रदेश के बड़े क्षेत्र में सोयाबीन सहित अन्य फसलें प्रभावित हुई थीं। कृषि और राजस्व विभाग ने सर्वे कराकर बीमा कंपनियों के पास फसलों को हुई क्षति के आधार पर दावे बनाकर भेजे थे।
अगले साल बनेगा ट्रस्ट
बीमा कंपनियों ने 20 लाख 38 हजार 982 किसानों के 4614 करोड़ से अधिक की दावा राशि मंजूर की है। यह छह सितंबर को उनके खातों में जमा करा दी जाएगी। अगले साल से ट्रस्ट बनाकर चलाएंगे फसल बीमा योजना प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि अगले साल से सरकार ट्रस्ट बनाकर फसल बीमा योजना चलाएगी। इसके लिए बजट में प्रविधान किया जाएगा। अन्य माध्यमों से भी राशि का इंतजाम करने के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा।
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