– हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ही कुएं, बावड़ी, तालाबों के संरक्षण के निर्देश दिए थे
– मिल के तालाब में निगम के वाहनों से ही पटक रहे हैं मलबा और कचरा
इंदौर। पिछले दिनों हाईकोर्ट (High Court) ने नगर निगम (Nagar Nigam) के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कुएं, बावडिय़ों और तालाबों का संरक्षण किया जाए। इसके बावजूद शहर के कई वर्षों पुराने तालाबों की स्थिति खराब है। इनमें कल्याण मिल के परिसर का तालाब तो टं्रेचिंग ग्राउंड में तब्दील हो रहा है। वहां निगम की ही कई गाडिय़ों से बिल्डिंग मटेरियल (building material) और कचरा लाकर तालाब में पटका जा रहा है।
शहर के 35 से ज्यादा छोटे-बड़े तालाबों की सफाई का अभियान पिछले दिनों नगर निगम द्वारा चलाया गया था, वहीं सिरपुर तालाब के आसपास भी करोड़ों के कार्य रामसर साइट के चलते किए गए थे। दूसरी ओर कई कुएं-बावडिय़ों की हालत खस्ताहाल है, जहां गंदगी और कचरे के ढेर के कारण लोग भी परेशान हो रहे हैं। वर्षों पुराने कुओं में कचरा डाला जा रहा है। कुछ जगह निगम ने कुओं के आसपास जालियां लगा दी हैं। कुलकर्णी नगर के समीप बने कल्याण मिल परिसर में वर्षों पुराने तालाब में पिछले कुछ दिनों से निगम की हल्ला गाडिय़ों और अन्य वाहनों से मलबा और कचरे का अंबार पटका जा रहा है। वहां के लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन उसके बावजूद वहां कभी अलसुबह तो कभी देर रात को गाडिय़ां पहुंचती हैं और तालाब में कचरा पटक दिया जाता है। नगर निगम ने गत वर्ष भी तालाबों की सफाई के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च की थी, मगर उसके बावजूद कई जगह तालाबों की स्थिति बदतर है।
इधर अन्नपूर्णा तालाब की सफाई के लिए संसाधन झोंके
नगर निगम ने वर्षों पुराने अन्नपूर्णा तालाब की सफाई का अभियान शुरू किया है, ताकि वहां फैली गंदगी और जलकुंभी हटाई जा सके। तालाब के संरक्षण को लेकर वहां पहले बाउंड्रीवाल से लेकर कई कार्य किए गए थे, मगर तालाब में फेंके गए कचरे के कारण फिर से स्थिति बदहाल हो गई थी। निगम ने तालाब के आसपास के हिस्से को संवारने के लिए कुछ प्रोजेक्ट भी तैयार किए थे, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते मामले उलझन में ही हंै।
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