रायपुर/भोपाल । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पर अमर्यादित टिप्पणी (Inappropriate Comment) करने वाले कथित संत कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) को मध्य प्रदेश (MP) के खजुराहो (Khajuraho) के एक होटल (Hotel) से गिरफ्तार कर लिया गया (Arrested) है। यह गिरफ्तारी रायपुर पुलिस ने की है।
छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार काली चरण को रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार किया है और उसे अब रायपुर लाने की कार्रवाई चल रही है। वहीं, छतरपुर पुलिस मामले में किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर रही है। ज्ञात हो कि, पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में हुई धर्म संसद में महात्मा गांधा पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिस पर उनके खिलाफ रायपुर में प्रकरण दर्ज किया गया था।
बता दें कि महात्मा गांधी को अपशब्द कहने के आरोपी कालीचरण महाराज की पुलिस को कई दिनों से तलाश थी। उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक मामले दर्ज हो चुके हैं, वहीं अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने कहा था कि उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा था, “मुझे महात्मा गांधी को गाली देने पर कोई खेद नहीं है। अगर मुझे फांसी भी मिल जाए तब भी मैं अपने सुर नहीं बदलूंगा।”
कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के बाद उनका एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं, ”कोई साधु-संत नहीं हूं मैं, लोगों ने मुझे महाराज बना दिया।” एक इंटरव्यू के दौरान कालीचरण महाराज कहते हैं, ”मैं जैसे कपड़े पहनता हूं, पैशन के रूप में मुझे काफी अच्छे लगते हैं। मैं टीशर्ट पहनता हूं, जरी वाले कपड़े पहनता हूं, साधु लोग सिले हुए कपड़े नहीं पहनते हैं। मैं अखाड़े जाता हूं, जिम जाता हूं, जिम का मुझे बहुत शौक रहा है और मेरे सद्गुरु महाराज ने ये शौक लगाया है।”
इस इंटरव्यू के दौरान कालीचरण महाराज कहते हैं कि वे अक्सर अपने माता-पिता से मिलने 2-4 महीने में जाते रहते हैं। कालीचरण महाराज कहते हैं, ”मैंने अपने माता-पिता को कभी छोड़ा ही नहीं, मैं उनसे मिलने दो-चार, 6 महीने में जाता रहता हूं।”
वह आध्यात्म की तरफ मुड़ने के अपने फैसले के बारे में बताते हैं। वह कहते हैं, ”जब मैं 10 साल का था तब एक एक्सीडेंट हो गया था, पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था। उसी समय काली मां ने प्रकट होकर पैर को जोड़कर उसे ठीक कर दिया था। तब से मेरे जीवन में अद्भुत परिवर्तन हो गया। उसके बाद से मैं काली मां का भक्त हो गया और लोगों ने मुझे महाराज बना दिया। मैं कोई साधु-संत, महात्मा या महापुरुष नहीं हूं।”
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