भोपाल। अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले हिंदू धर्मगुरू कालीचरण महाराज (Hindu religious leader Kalicharan Maharaj) ने एकबार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने गांधीजी को राष्ट्रपिता मानने से इनकार करते हुए उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को महात्मा बताया है। गोडसे का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उद्देश्य अच्छा है तो हत्या करना बुरी बात नहीं। उन्होंने कहा कि गांधीजी की सारी नीतियां हिंदू विरोधी थीं, इसलिए वह दुरात्मा थे। कालीचरण ने यह बात मंगलवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में कही, जहां पर वे एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
गांधीजी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘रघुपति राघव राजाराम और देश बचा गए नाथूराम। महात्मा है गोडसे।’ गांधीजी को महात्मा मानने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा- ‘वो आपके हिसाब से महात्मा होगा। लेकिन वो दुरात्मा है। क्योंकि उनकी सारी की सारी नीतियां हिंदू विरोधी थीं। जब उनसे पूछा गया कि वो राष्ट्रपिता हैं तो बदले कालीचरण बोले- आप प्रेम करो, आप महात्मा मानो, पापा मानो, राष्ट्रपिता नहीं हो सकते। करोड़ों सालों से भारत माता है, कोई भारत माता का पिता कैसे हो सकता है।’
जब उनसे पूछा गया कि नाथूराम गोडसे को दुनिया गांधीजी के हत्यारे के रूप में ही जानती है तो जवाब में उन्होंने कहा, ‘अगर उद्देश्य अच्छा है तो हत्या करना कोई बुरी बात थोड़ी है। राष्ट्र रक्षण का उद्देश्य है, धर्म रक्षण का उद्देश्य है तो हत्या कोई बुरी बात थोड़ी है। मिलिट्री भी मारती है, दुश्मनों को, तो मिलिट्री बुरी है क्या। पुलिस भी एनकाउंटर में दुष्टों को ठोंकती है, तो पुलिस बुरी है क्या।’
‘जेल जाने क मुझे कोई डर नहीं’
गांधीजी को राष्ट्रपिता मानने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा ‘राष्ट्रपिता कोई संवैधानिक पद नहीं है। जिसको बाप मानना है गांधी को वो माने।’ इसी तरह के अपमानजनक बयानों को लेकर जेल जाने पर उन्होंने कहा, ‘जेल होने से हमें कोई डर नहीं। संन्यासी का कर्तव्य है सत्य बोले। ना हमें जेल जाने से डर है, ना पुलिस केस से डर है, ना हमें ठुंकाए जाने से डर है। हमारी खोपड़ी में कभी भी गोली बैठ सकती है, लेकिन हमको कोई डर नहीं है।’ बता दें कि तीन साल पहले छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई धर्म संसद में भी कालीचरण ने गांधीजी के लिए अपमानजनक बयान दिया था, जिसके बाद उन पर केस चला था और कई महीने उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था।
फिल्मों में ‘हवस के पुजारी’ का विरोध किया
फिल्मों में हवस का पुजारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘भैया हवस का पुजारी ही क्यों, हवस का मौलाना क्यों नहीं, हवस का पादरी क्यों नहीं, क्योंकि हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश है। गुनाहों का देवता ही क्यों, गुनाहों का खुदा या गुनाहों का गॉड क्यों नहीं होता। मुझमें अगर सामर्थ्य होता तो मैं ऐसा करने वालों का सत्यानाश कर देता।’ कालीचरण महाराज ने ये सारी बातें मंगलवार को भोपाल में कही, जहां पर वे नीम करोली महाराज के 125वें जन्मोत्सव के मौके पर आयोजित भक्तमंडल के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
वक्फ बोर्ड को खत्म करने की वकालत की
वक्फ बोर्ड को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘वक्फ बोर्ड खत्म कर दिया जाना चाहिए इससे ही हिंदुओं का कल्याण है। क्योंकि जितने भी हिंदू भारत से पाकिस्तान चले गए थे, उनको सबको तो मार दिया गया, लेकिन यहां से जो मुसलमान पाकिस्तान में गए उनकी सारी की सारी भूमि और अन्य सारी भूमि भी वक्फ बोर्ड को दी गई। वक्फ बोर्ड जिस जमीन पर हाथ रख देता है, सुप्रीम कोर्ट में भी उसके विरोध में भी याचिका दाखिल नहीं की जा सकती, ऐसे 2014 के पहले की सरकारों ने कायदे-कानून बनाकर रखे हैं। उन सभी हिंदू विरोधी और देश विरोधी कायदे-कानूनों को खत्म कर दिया जाना चाहिए।’
कौन हैं कालीचरण महाराज?
कालीचरण महाराज महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजी नगर के रहने वाले हैं। वो भावसार समाज से आते हैं और उनका असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। कालीचरण महाराज ने 2017 में हुए अकोला नगर निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी। हालांकि, इस चुनाव में कालीचरण महराज की हार हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में अकोला पश्चिम सीट से उनके उम्मीदवार को लेकर बड़ी चर्चा थी लेकिन उस दौरान उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
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