कटनी। कजलियों का त्योहार शुक्रवार को कटनी शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। घरों में बोई गई कजलियों का शाम को विधि-विधान से पूजन अर्चन किया गया, इसके बाद उन्हें जलाशयों में विसर्जित किया गया। शहर में एक नई परंपरा की शुरुआत करते हुए बारडोली उत्सव कमेटी ने श्री राम समीर मंदिर गाटर घाट नदी समीप कजलियां मेले का आयोजन किया।मेले की शुरुआत पिछले साल से ही हो गई थी लेकिन करोना संक्रमण के कारण इस बार मेले को भव्य स्वरूप प्रदान किया गया। बारडोली उत्सव समिति के पदाधिकारी पिछले एक पखवाड़े से मेले के आयोजन की तैयारियों में जुटे थे। गाटर घाट नदी किनारे भरे मेले में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले ,मिकी माउस, खिलौना, चाट की दुकानों के अलावा मनोरंजन के अनेक साधन उपलब्ध थे। घरों से लाई कजलियां लोगों ने विसर्जित की और फिर एक दूसरे को कजलियां देकर शुभकामनाओं का आदान प्रदान किया।
बारडोली उत्सव समिति के संरक्षक सुकीर्ति जैन, विक्रम खपंरिया, अध्यक्ष राजू रजक ,सचिव मनोज निगम,कजलियां मेला समारोह समिति के अध्यक्ष पंकज त्रिसोलिया, सचिव अखिलेश पुरवार, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अमित शुक्ला, विष्णु बाजपेई ,राजू खंडेलवाल, प्रेम प्रकाश पुतू दीक्षित, बिंदेश्वरी पटेल, रौनक खंडेलवाल, सत्य दर्शन मिश्रा, हितेंद्र स्वर्णकार मोहनदास नागबानी, राजेंद्र सिंह ठाकुर, पार्षद कपिल रजक, अनिरुद्ध बजाज, विष्णु वलेचा, जितेंद्र खरोटे ,शैलेश पाठक, विवेक शुक्ला, भवानी तिवारी, डॉ उषा पांडे, ललित सोनी, बालमुकुंद गुप्ता सचिन शर्मा रमाकांत दीक्षित, कृष्ण कांत शर्मा, प्रमोद सरावगी, महेश रोचलानी, अजय निगम, कैलाश सोनी, संदीप सुधीर पुरवार आदि आदि ने इस अवसर पर अपने सनातन संस्कृति पुरातन परंपरा को जीवित रखने हेतु अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया।कजलियां देवी-देवताओं को चढ़ाने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को भेंटकर आशीर्वाद लिया। छोटों ने बड़ों से कजलियां प्राप्त कर आशीष पाया। ग्रामीण क्षेत्रों में कजलियों का त्योहार काफी उत्साहपूर्ण माहौल में मनाया गया। इस दौरान जिन घरों के लोग किसी आपदा के कारण दुखी तो उनके खरों में बैठकर ढांढ़स बंधाया। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र बड़वारा, रोहनिया, बसाड़ी, पिपरिया कला, बरही, खितौली, सिनगौड़ी, विजयराघवगढ़, कन्हवारा, रीठी, बड़वारा, बिलहरी, सलैया, बाकल, बहोरीबंद आदि क्षेत्र में भी पर्व की धूम रही।
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