इंदौर: भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है. कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए थे. तभी से वो इस पद पर लगातार बने रहे. उन्हें इस पद पर 9 साल हो गए हैं. हालांकि हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की. माना जा रहा है कि बीजेपी मध्य प्रदेश सरकार में उन्हें कोई बड़ा मंत्रालय दे सकती है. ऐसे में बीजेपी की एक व्यक्ति एक पद की नीति के तहत उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
बीजेपी महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, “आज मैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा से मिला. हमारी पार्टी के सिद्धांत ‘एक व्यक्ति एक पद’ के अनुसार मैंने महासचिव पद से इस्तीफा देते हुए उन्हें सौंप दिया.” विजयवर्गीय ने आगे कहा, “मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने 9 वर्ष तक पहले अमित शाह फिर जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में देश के अलग-अलग स्थानों पर संगठन को गढ़ने में प्राणप्रण से कार्य किया.”
कैलाश विजयवर्गीय ने इस्तीफे की जानकारी देने का साथ ही अपनी नई भूमिका को लेकर भी विचार रखे. उन्होंने कहा, “अब मुझे पार्टी ने मध्य प्रदेश में एक नई भूमिका के लिए भेजा है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प वर्ष 2047 में भारत, विश्व का शक्तिशाली देश बने, इस दिशा में मध्य प्रदेश को शक्तिशाली बनाने के लिए हम प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में कार्य करेगें.”
राजनीतिक जानकारों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में कैलाश विजयवर्गीय को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के मूड में है. इसी लिए उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया था. वहीं कैलाश विजयवर्गीय और मुख्यमंत्री मोहन यादव की ट्यूनिंग भी सही बैठती है और वो पुराने साथी भी रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय का कहना है, “मेरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विकास की एक नई इबारत लिखेगा.”
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