उज्जैन। पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोडऩे के बाद पहली बार उज्जैन आ रहे हैं तथा वे 17 अगस्त को भगवान महाकाल की शाही सवारी का पूजन करेंगे तथा अन्य कार्यक्रम भी जुड़ रहे हैं।
सिंधिया परिवार के मुखिया परम्परा के अनुसार शाही सवारी वाले दिन उज्जैन पहुँचकर भगवान महाकाल की पालकी का पूजन करते रहे हैं तथा पूर्व में विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया आते रहे हैं। यह पूजन छत्रीचौक स्थित गोपाल मंदिर से किया जाता है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण मार्ग बदल दिया गया है तथा सवारी गोपाल मंदिर नहीं आएगी, ऐसे में माना जा रहा था कि श्री सिंधिया नहीं आएंगे लेकिन अब उनके आने का कार्यक्रम बन चुका है। यह भी चर्चा थी कि सिंधिया अभी भाजपा सरकार का हिस्सा हैं एवं उनके समर्थन से ही शिवराज सरकार चल रही है। ऐसे में प्रशासन पर दबाव डालकर शाही सवारी का मार्ग परिवर्तित किया जा सकता है और शाही सवारी को गोपाल मंदिर से निकाला जा सकता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मिली जानकारी के अनुसार शाही सवारी पूर्व निर्धारित परिवर्तित मार्ग से ही निकलेगी तथा जिन मार्गों से पूर्व सवारियाँ निकली हैं, उसी मार्ग से शाही सवारी निकलेगी। पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती की ज्योतिरादित्य सिंधिया से चर्चा हुई और श्री सिंधिया 17 अगस्त को उज्जैन आ रहे हैं तथा वे संभवत: रामघाट पर पहुँचकर पालकी पूजन करेंगे और सिंधिया परिवार की परम्परा को निभांगे। इसके अलावा श्री सिंधिया भाजपा नेताओं से भी चर्चा करेंगे और कुछ नेताओं के घर जा सकते हैं। श्री सिंधिया के कार्यालय से एक-दो दिन में अधिकृत कार्यक्रम आ जाएगा।
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