नई दिल्ली: एयरलाइंस के हवाई किराया तय करने को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं होने के चलते, अक्सर कई हलकों में एयर फेयर की अपर लिमिट तय करने, या दूरी के हिसाब से किरायों को रेग्युलेट करने की बहस होती रहती है. अब इस पर नागर विमान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बड़ी बात कही है. उनका कहना है कि सरकार की हवाई किराये को रेग्युलेट करने की कोई मंशा नहीं है. बाजार को इसे खुद से तय करना है.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये बात कही. उनसे भारतीय एयरलाइंस के बीच होने वाली गलाकाट प्रतिस्पर्धा और उससे ग्राहकों को होने वाले लाभ के साथ-साथ इसके एयरलाइंस की बिगड़ती वित्तीय हालत पर प्रभाव को लेकर सवाल किया गया था.
टूटा हवाई यात्रियों का रिकॉर्ड
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आम तौर पर एविएशन सेक्टर को ऐसे बाजार के तौर पर देखा जाता है, जहां कंपनियां बंद हो जाती हैं. पर लगभग 20 साल बाद इस सेक्टर में एक नई कंपनी उतरी है. वहीं 24 दिसंबर को भारत ने हवाई रोजाना उड़ान भरने वाले हवाई यात्रियों की संख्या का एक और रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि हम 43 लाख हवाई यात्रियों के रिकॉर्ड को पार कर चुके हैं. सिंधिया ने कहा कि एविएशन सेक्टर लगातार बढ़ रहा है और ये बढ़त स्थायी रहने वाली है.
एविएशन सेक्टर का ग्रोथ रेट 15%
2019 के मुकाबले इस साल एविएशन सेक्टर की 15 प्रतिशत ग्रोथ के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो बड़ी वजह बताई. उन्होंने कहा कि एक तो लोगों की ‘घूमने की इच्छा’ और दूसरा एयरलाइंस का अपने ‘जहाजी बेड़े को बढ़ाना’, साथ-साथ एयरपोर्ट की संख्या बढ़ना, इनसे हवाई यात्रा में बढ़ोतरी हुई है. साल 2013-14 में देश में महज 74 एयरपोर्ट थे, अब संख्या 146 तक हो गई है. अगले 4 से 5 सालों में इसके बढ़कर 200 पार करने की उम्मीद है.
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