• img-fluid

    जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाए गंभीर आरोप, अब इस विवाद में अमेरिका भी कूदा

  • October 16, 2024

    ओटावा । भारत और कनाडा(India and Canada) के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। अब कनाडा ने भारत के खिलाफ (Canada against India)संभावित प्रतिबंधों के संकेत (Signs of possible sanctions)दिए हैं। इधर, भारत ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। हाल ही में कनाडा ने एक मामले की जांच में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त रहे संजय कुमार वर्मा को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ बनाया था। इसका मतलब ऐसे व्यक्ति से होता है, जो संदिग्ध है, लेकिन अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। दोनों ही देशों ने 6-6 राजनयिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

    दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के खिलाफ पाबंदी लगाने की संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि ‘सभी विकल्प विचाराधीन हैं’।

    भारत ऐसे दे सकता है जवाब


    इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल, कनाडा में लाखों भारतीय छात्र हैं। अगर भारत ने छात्रों पर कनाडा में शिक्षा लेने पर रोक लगा दी, तो इसका गहरा असर हो सकता है। यह फैसला कनाडा के शिक्षा से जुड़ी आर्थिक व्यवस्था पर गहरी चोट दे सकता है। इसके अलावा भारत खालिस्तान समर्थक भारतीय मूल के सभी कानाडाई नागरिकों के OCI यानी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड रद्द कर सकता है।

    इनके साथ भारत खालिस्तान समर्थकों के संपत्ति के अधिकार को खत्म कर सकता है। साथ ही वह नए वीजा में देरी और गहनता से जांच करना बढ़ा सकता है। ऐसे में खालिस्तान समर्थकों पर दबाव पड़ सकता है। भारत भारतीय मूल के ऐसे कनाडाई नागरिकों के मल्टिपल एंट्री वीजा पर भी रोक लगा सकता है। अगर यह फैसला लिया जाता है, तो असर भारतीय कनाडाई समुदाय पर पड़ सकता है। इससे कनाडा की स्थानीय राजनीति पर भी असर हो सकता है।

    कनाडा को जवाब में भारत भी व्यापार स्तर पर प्रतिबंध लगा सकता है। टॉप 10 ट्रेडिंग पार्टनर होने के नाते भारत कनाडा की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। साथ ही भारत में निवेश वाले कनाडा के आर्थिक संस्थानों और पेंशन फंड को फ्रीज कर सकता है।

    कनाडा की पुलिस ने लगाए थे ये आरोप

    कनाडा की सार्वजनिक प्रसारणकर्ता कनाडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, देश के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के प्रमुख ने भारत के संदर्भ में चौंकाने वाले आरोप लगाए कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा में हत्याओं सहित ‘व्यापक हिंसा’ में भूमिका निभा रहे हैं और चेतावनी दी थी कि इससे ‘देश की सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा’ है।

    उन्होंने आरोप लगाया, ‘इनमें गोपनीय सूचना जुटाने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर उनके साथ दंडात्मक व्यवहार करना और हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में संलिप्तता शामिल है।’ कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ काम करने के उनकी सरकार के प्रयास के कोई परिणाम नहीं निकले।

    उन्होंने कहा, ‘इसलिए, इस सप्ताहांत, कनाडाई अधिकारियों ने एक असाधारण कदम उठाया। उन्होंने आरसीएमपी के उन साक्ष्यों को साझा करने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की, जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि भारत सरकार के छह एजेंट आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति हैं।’

    RCMP ने आरोप लगाया है कि बिश्नोई गिरोह के तार भारत सरकार के उन ‘एजेंटों’ से जुड़े हैं, जो देश में दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से ‘खालिस्तान समर्थक तत्वों’ को निशाना बना रहे हैं। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि कनाडाई अधिकारियों का यह दावा सच नहीं है कि कनाडा ने निज्जर मामले में भारत को प्रामाणिक सबूत दिए हैं।

    अमेरिका बोला- ट्रूडो सरकार के आरोप बेहद गंभीर, जांच में सहयोग करना चाहिए
    खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर भारत और कनाडा (India and Canada) के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. अब इसमें अमेरिका की एंट्री भी हो गई है. अमेरिका का कहना है कि कनाडा के आरोप गंभीर हैं और भारत को उसकी जांच में सहयोग करना चाहिए.

    अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमने साफ कर दिया है कि कनाडा के आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है. हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा और उसकी जांच में सहयोग करे. लेकिन भारत ने एक वैकल्पिक रास्ता चुना.

    ये पहली बार नहीं है जब भारत और कनाडा के बीच तनाव पर अमेरिका ने कोई टिप्पणी की हो. पिछले साल जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था तो इस पर भारत की प्रतिक्रिया पर अमेरिका ने चिंता जताई थी. उस समय भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को वापस जाने को कह दिया था. तब भी मैथ्यू मिलर ने कहा था कि अमेरिका का मानना है कि भारत को कनाडा की जांच में सहयोग करना चाहिए.

    भारत और कनाडा के बीच गहराया राजनयिक संकट
    निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संकट एक बार फिर गहरा गया है. कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कनाडा सरकार ने भारत से छह राजनयिकों की डिप्लोमैटिक इम्युनिटी हटाने का अनुरोध किया था, ताकि जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ कर सके. लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया, इसलिए राजनयिकों को निष्कासित करना पड़ा.

    जॉली ने कहा कि हम चुप नहीं बैठेंगे, क्योंकि किसी भी देश के एजेंट कनाडाई नागरिकों को धमकाने, परेशान करने और यहां तक कि हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं.

    कनाडा के इस कार्रवाई पर भारत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए उसके छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने को कहा है.

    क्या है पूरा मामला?
    पूरा मामला खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है. निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, जबकि वो कनाडा का नागरिक था. पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी.

    पिछले साल 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था.

    हालांकि, भारत ने हमेशा से ही कनाडा के इन बेतुका और बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया है. सोमवार को जब कनाडाई पुलिस ने भारतीय राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकार सीधे तौर पर या एजेंटों के जरिए जानकारी जुटाने के लिए अपने पद का फायदा उठाते हैं. इसका मतलब हुआ कि कनाडा ने सीधे-सीधे भारतीय राजनयिकों को कटघरे में खड़ा कर दिया. बाद में ट्रूडो ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्हीं आरोपों को दोहराया.

    हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज किया और साफ कहा कि ट्रूडो ऐसा वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रहे हैं. कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया. भारत ने साफ कहा कि अब उन्हें कनाडा की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं है.

    कौन था हरदीप सिंह निज्जर?
    निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.

    ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था.

    2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी. भारत सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का ईनाम भी घोषित कर रखा था.

    Share:

    Jammu and Kashmir: प्रदेश में 10 वर्ष बाद बनेगी चुनी हुई सरकार, उमर अब्दुल्ला आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ

    Wed Oct 16 , 2024
    श्रीनगर। अनुच्छेद 370 (Article 370) निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव (assembly elections) में नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) के जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहले मुख्यमंत्री (Chief Minister) के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को डल […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved