इंदौर (Indore)। जिस तरह हम हमारे पासवर्ड या कोड (password or code) सहित अन्य नंबर याद रखते हैं, ठीक वैसे ही हमें अब हमारे हेल्थ के नंबर भी जानना और उन्हें याद रखना बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि आज के समय में कई लोग फिजिकली इनएक्टिव हो गए हैं। नींद के कम होते घंटे, बिगड़ी लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान भी एक बड़ा फैक्टर है। इसलिए आपके हेल्थ नंबर यानि ब्लड प्रेशर, ब्लड कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर को जानना बहुत जरूरी है। ये सभी को पता होना चाहिए और इसके अनुसार हमें हमारे खानपान को सुव्यवस्थित करना चाहिए। इसी के साथ सही व्यायाम और दवाइयां भी बेहद जरूरी हैं, जिससे की रिस्क फैक्टर को कम किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि शहर में पिछले दिनों ठंड के कारण हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। हार्ट अटैक के कारण कम उम्र के लोग भी चपेट में आए हैं। दो दिन पहले स्कूली छात्रा की खेलते हुए हार्ट अटैक से मौत भी चौंकाने वाली है। लोगों का मानना है और डॉक्टर्स का भी मत है कि ठंड में आमतौर पर हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार सामने आने वाले आंकड़ें चौंकाने वाले हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन ठंड के दिनों में शरीर में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है और हार्ट तक जाने वाली नसें भी सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हार्ट अटैक के मामले सामने आते हैं। इस मौसम में शरीर में खून के थक्के भी जमने लगते हैं, जो परेशानी का कारण बनते हैं।
कम उम्र के मरीज भी आ रहे शिकायत लेकर
इंदौर शैल्बी हॉस्पिटल के सर्जन डॉ मोहम्मद अली बताते हैं कि इन दिनों हार्ट फेल होने वाले मामले ज्यादा हैं। डॉ अली कहते हैं कि अब हमारे शरीर की देखभाल के लिए हमें किसी विशेष उम्र का इंतजार नहीं करना है। अब हम शिकायत लेकर आने वाले कम उम्र के मरीज को भी देख रहे हैं। कई मामलों में अब जांच के लिए वाले मरीज सांस फूलने की शिकायत के साथ आ रहे हैं। कई कारणों में एक कारण नींद के कम होते घंटे और आर्टिफिशियल वल्र्ड (सोशल मीडिया) से मिला तनाव भी है, जो लोगों को परेशान कर रहा है।
20 से 25 फीसदी बढ़े मामले
बीते दो माह में इंदौर में हार्ट अटैक के मामलों में करीब 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों पर बात करते हुए शैल्बी हॉस्पिटल के कार्डियो डिपार्टमेंट के एचओडी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सिद्धांत जैन कहते हैं कि 2019 की तुलना में दिल से जुड़े मामलों में तीन गुना बढ़ोतरी देखी गई है। ये भी देखा जा रहा है कि शहर ही नहीं, देशभर में बढ़ते मामलों के कारण लोग अब पहले ही अपनी जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हं। डॉक्टर्स भी यही सलाह दे रहे हैं कि शरीर में होने वाली कोई भी परेशानी को नजरअंदाज नहीं करते हुए जांच करवाना है, जिससे खतरे को पहले ही भांपा जा सके और इलाज किया जा सके।
कई मामलों में पहले से होती है परेशानी
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विद्युत जैन कहते हैं कि ठंड में हार्ट से जुड़े मामलों में बढ़ोतरी देखी ही जाती है, क्योंकि मौसम का बदलना शरीर कई बार स्वीकार नहीं कर पाता, लेकिन कई मामलों में मरीजों को पहले से परेशानी होती है, इसलिए पारिवारिक हिस्ट्री, ब्लड प्रेशर, शुगर, मोटापा, स्मोकिंग करने वाले, कोलेस्ट्रॉल की परेशानी वाले मरीजों को अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। नियमित जांच के साथ ही दवाई और व्यायाम से इन रिस्क फैक्टर को कम करने की कोशिश करना चाहिए। इसके लिए वे नियमित वॉक, व्यायाम और योग कर सकते हैं।
ये बात रखें ध्यान
– ठंड में आमतौर पर इस तरह के मामलों में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जाती है। इसलिए जिनकी उम्र ज्यादा है और उन्हें पहले से कोई परेशानी है, वे सुबह जल्दी मॉर्निंग वॉक पर ना निकलें। हल्की धूप निकलने का इंतजार करें।
– जो लोग जिम जाते हैं और भारी व्यायाम करते हैं, वे अपनी धडक़नों को नापे। व्यायाम करते वक्त आपकी धडक़नें 130-140 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। व्यायाम करते वक्त धडक़ने तेज होने के साथ असामान्य हो जाती हैं और हार्ट भी तेजी से पंप करने लगता है, इसलिए इसका भी ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है।
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