आज का दिन मंगलवार का दिन और मान्यता के अनुसार इस दिन संकटमोचन हनुमान की पूजा के लिए विेशेष होता है। इस दिन हनुमान जी(Hanuman ji) की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हनुमान जी की पूजा के अलग-अलग तरीके होते हैं। लेकिन भक्तों को किसी भी तरीके से कोई मतलब नहीं और भक्त फल की चिंता नहीं करता है। बजरंगबली के लिए उनका मंत्र ही पूजा (prayer) , भोग और चालीसा है। हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। जानिए हनुमान जी को किन चीजों को चढ़ाने से क्या मिलता है लाभ-
हनुमान जी को पूजा करते समय ब्रह्मचर्य (celibacy) का पालन करना चाहिए।
. दक्षिण की ओर मुंह करके 7 दिन तक रोज पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से धन हानि के योग नहीं बनेंगे
एक प्रचलित कहावत है- ‘बीड़ा उठाना’। यानी जब कोई महत्वपूर्ण या जोखिम भरे काम की जिम्मेदारी लेना। अगर आपके जीवन में घोर संकट है या कोई ऐसा काम है जो आपके बस का नहीं है, तो उसकी जिम्मेदारी हनुमान जी को सौंप दें। इसके लिए मंगलवार के दिन बजरंगबली (bajrangbali) के मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना के बाद उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
बजरंगबली को लौंग, इलाचयी और सुपारी प्रिय हैं। शनिवार के दिन इस तीन चीजों को हनुमान जी को अर्पित करने से शनि का कष्ट दूर होने की मान्यता है। इसके अलावा सरसों के तेल में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करने से संकटों से मुक्ति मिलने की भी मान्यता है।
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, गरीबी से मुक्ति पाने के लिए एक नारियल में सिंदूर लगाएं और उसमें लाल धागा बांधें। यह नारियल हनुमान जी को अर्पित करें। ऐसा कम से कम 11 मंगलवार करें।
– हनुमान जी गुड़ और चने का भोग लगाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस उपाय को करने से मंगल दोष मिटता है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगाने से सभी परेशानियां दूर होने की मान्यता है।
इमरती का भोग संकटमोचन (troubleshooter) को अतिप्रिय है। कहा जाता है कि मंगलवार को हनुमान जी को इमरती को भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्नमा ध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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