भोपाल। मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक 3 इंच बारिश होना चाहिए और यह कोटा पूरा हो चुका है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस बार बारिश के इलाके बदले हुए हैं। पिछले साल 1 जून से 30 जून तक प्रदेशभर में सामान्य से 35 प्रतिशत तक ज्यादा बारिश हुई थी। जून 2021 में भोपाल में सामान्य से 143 प्रतिशत , इंदौर में 8 प्रतिशत ज्यादा पानी गिर गया गया था। लेकिन, इस बार स्थिति उलट है। भोपाल में अब तक 2 इंच बारिश ही हुई है, जो जून के कोटे से 1 इंच यानी 30 प्रतिशत कम है। इंदौर में 3 इंच की जगह 2 इंच भी पानी नहीं गिरा। यह सामान्य से करीब 41 प्रतिशत कम है। अब तक की बादलों की मेहरबानी से सबसे ज्यादा श्योपुर में सामान्य से 190 प्रतिशत और विदिशा में 100 प्रतिशत ज्यादा पानी गिर चुका है। श्योपुर में डेढ़ इंच की तुलना में 4 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। विदिशा में 3 इंच बारिश होना चाहिए थी, लेकिन अब तक 6 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक प्रदेश के सिर्फ 15 शहरों में ही सामान्य या उससे अधिक बारिश हुई है।
मानसून पर 4 दिन का ब्रेक
तूफानी एंट्री के बाद मध्यप्रदेश में मानसून की बारिश पर 4 दिन का ब्रेक लगने का अनुमान है। चारों दिन लोकल लेवल पर बनने वाले बादलों (सीबी क्लाउड) की वजह से शाम के बाद अलग-अलग शहरों में बारिश हो सकती है, लेकिन ग्वालियर-चंबल में 4 दिन बाद ही बारिश के आसार हैं। 27 जून से इंदौर, भोपाल समेत पूरे प्रदेश में लगातार चार दिन तेज बारिश होने की संभावना है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह के अनुसार अभी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी ब्रांच एक्टिव नहीं है। लो-प्रेशर एरिया बनना बंद हो गया है और इसी वजह से मानसून की बारिश का दौर थम गया है। 26 जून से ओडिशा तट के पास बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती घेरा एक्टिव होने के संकेत मिल रहे हैं।
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