मेरठ. यूपी के मेरठ (Meerut) को यूं ही स्पोर्ट्स सिटी नहीं कहा जाता. यहां खेल भावना हर जगह देखने को मिलती है. मेरठ जिला कारागार के बंदियों (prison inmates) में खेल भावना जागृत करने और उन्हें अवसाद से बचाने के लिए, जेल प्रीमियर लीग का आयोजन हो रहा है. कारागार के बंदियों को क्रिकेट मैच (cricket match) का ये रोमांच खूब भा रहा है.
मेरठ जिला कारागार आजकल खेल का मैदान बन गया लगता है. यहां आजकल बंदी या तो क्रिकेट मैच (cricket match) खेल रहे हैं या फिर क्रिकेट मैच की चर्चा और प्लानिंग करते हुए नजर आते हैं. आईपीएल की तर्ज पर मेरठ जि़ला कारागार में जेपीएल यानि जेल प्रीमियर लीग (Prison Premier League) खेला जा रहा है. बुधवार से लीग मैच की शुरुआत हो गई. जेल अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि जेल प्रीमियर लीग पांच साल से आयोजित हो रहा है. राकेश कुमार का कहना है कि मैच बंदियों में खेल भावना जागृत करता है और उन्हें अवसाद से भी बाहर निकालता है.
सात टीमें ले रही हिस्सा
मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार (Chaudhary Charan Singh District Prison) में आयोजित हो रहे जेल प्रीमियर लीग में कुल सात टीमें भाग ले रही हैं. हर टीम में पंद्रह पंद्रह खिलाड़ी हैं. कुल 47 मैच खेले जाएंगे. जेल अधीक्षक का कहना है कि बंदियों के मनोरंजन के लिए जेल प्रीमियर लीग का आयोजन किया गया है. इस खेल में जेल का कोई स्टाफ या फिर कर्मचारी नहीं बल्कि बंदी ही खेल रहे हैं. मेरठ ज़ोन के एडीजी राजीव सबरवाल भी बंदियों के इस अनोखे मैच को देखकर हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन का ये प्रयास सराहनीय है.
इनका भी हो रहा आयोजन
जेल अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि कारागार में कवि सम्मेलन, भागवत इत्यादि भी कराया जाता है. सुंदरकांड का भी पाठ होता है. ये सारे आयोजन सिर्फ और सिर्फ बंदियों के सुधार के लिए हो रहे हैं. वाकई में कारागार को इसीलिए सुधार गृह कहा जाता है. अगर ऐसे आयोजन से बंदियों के स्वभाव उनके हाव भाव व्यवहार में परिवर्तन हो तो यकीनन समाज और बेहतर होगा.
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