नई दिल्ली: धर्मनगरी जोशीमठ में भू-धसान का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके. मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को PMO में बड़ी होने वाली है. इस बैठक में जोशीमठ के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा. जोशीमठ संकट के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में होने वाली इस बैठक में पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके. मिश्रा के अलावा डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अफसर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.
बता दें कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. शंकराचार्य जोशीमठ के लोगों के प्रति एकजुटा प्रदर्शित करने के लिए धर्मनगरी पहुंचे हैं. जोशीमठ में भू-धसान का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. शीर्ष अदालत में इसको लेकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने जनहित याचिका दायर की है.
इसके बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय में बड़ी बैठक होने जा रही है.उम्मीद जताई जा रही है कि PMO में होने वाले बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. इसके साथ ही इस संकट की गंभीरता और इससे निपटने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा होने की संभावना है. बता दें कि जोशीमठ में घरों और सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें आने के कारण इलाके में दहशत का माहौल है. मामले के संज्ञान में आने के बाद सभी तरह के विकास कार्यों पर अविलंब रोक गा दी गई है.
उत्तराखंड के सीएम भी कर चुके हैं बैठक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी जोशीमठ के मामले पर बैठक कर चुके हैं. वह शनिवार (7 जनवरी 2023) को जोशीमठ पहुंचकर खुद ही हालात का जायजा भी लिया था. इके बाद सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी. CM धामी ने प्रभावितों से कहा कि उत्तराखंड सरकार हर मुश्किल में उनके साथ खड़ी है. उन्होंने जोशीमठ के डेंजर जोन वाले इलाकों में बने मकानों को तुरंत खाली कराने का निर्देश दिया था. चमोली जिला प्रशासन ने बताया है कि जोशीमठ के 9 वार्डों के 603 भवनों में अब तक दरारें आई हैं. 55 परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
पुराने ग्लेशियर पर बसा जोशीमठ
उत्तराखंड का जोशीमठ धंस रहा है. इसके चलते सड़कों और घरों में दरारें आ गई हैं. यहां के 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं. 4,677 वर्ग किमी में फैले इलाके से करीब 600 परिवारों को निकालने का काम चल रहा है. करीब 5 हजार लोग दहशत में जी रहे हैं. उन्हें डर है कि उनका घर कभी भी ढह सकता है. सबसे ज्यादा असर शहर के रविग्राम, गांधीनगर और सुनील वार्ड में देखा गया है. जोशीमठ पुराने ग्लेशियर पर बसा है.
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