लंदनः ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ब्रेक्जिट समझौते को नकारने वाले विवादित विधेयक ने संसद में पहली बाधा पार कर ली है और इसे हाउस ऑफ कॉमंस ने पारित कर दिया है। अब यह विधेयक संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में जाएगा। इस विधेयक के कानून का रूप लेने पर ब्रिटेन अपनी मर्जी के मुताबिक व्यापार समझौते और अन्य कदम उठा सकेगा। ईयू का उसके फैसलों में कोई दखल नहीं रहेगा।
इस विधेयक के जरिए ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच हुए समझौते की कुछ शर्तों में बदलाव किया गया है। हाउस ऑफ कॉमन्स में हुए मतदान के दौरान विधेयक के पक्ष में 340 जबकि विरोध में 263 वोट पड़े। ब्रिटिश संसद के ताजा फैसले से ब्रिटेन और बाकी यूरोप के सदियों पुराने संबंधों में दरार आ गई है। इसका असर आने वाले समय में और ज्यादा विकृत रूप में दिखाई दे सकता है। सत्ता पक्ष, विपक्ष और ईयू से उठ रहे तीखे विरोध के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को हाउस ऑफ कॉमंस से इंटर्नल मार्केट बिल पारित करा लिया।
सरकार ने कहा है कि यह विधेयक ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के सभी जायज अधिकारों की रक्षा करेगा। इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड ईयू के साथ व्यापार समझौता कर सकेंगे। लेकिन आलोचकों ने कहा है कि ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़कर नया कानून बनाने जा रहा है। उसने ईयू के साथ हुए समझौते को बिना विचार-विमर्श किए एकतरफा तोड़ने का कदम उठाया है जिसका दुनिया में गलत संदेश गया है।
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